Health Benefits of Rudraksha: धर्म में रुद्राक्ष का बहुत अधिक महत्व है, इसका सीधा संबंध भगवान शिव से है. भगवान की साधना और मंत्र जप मे इसका भरपूर इस्तेमाल किया जाता है. शिव जी पूजा और जाप रुद्राक्ष के बिना अधूरी है. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ इसका स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी जबर्दस्त प्रभाव है, इसलिए बहुत से लोग रुद्राक्ष को रोगनाशक भी कहते हैं. महामृत्युंजय का जाप यदि रुद्राक्ष की माला से की जाए तो माना जाता है की रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है. जिन घरों के पूजा घर में शिव परिवार विराजित है उन्हें तो खासतौर पर रुद्राक्ष की माला शिव को धारण करानी चाहिए, कोई भी मुख की माला पहना सकते हैं.  


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रुद्राक्ष धारण करने के लाभ


1. इसे धारण करने वाले को वात, पित्त और कफ की समस्या नहीं रहती है अर्थात जो इसे धारण करता है सामान्यतः वह निरोगी रहता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार शरीर मे समस्त रोग वात, पित्त और कफ के कारण ही होते हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए भी रुद्राक्ष अत्यंत लाभप्रद माना गया है. त्वचा रोग में तो इसका त्वरित असर देखने लायक रहता है. कुष्ठ रोग सामान्यतः दो प्रकार का होता है और रुद्राक्ष दोनों ही तरह के रोगों के लिए लाभदायक रहता है. 


2. बीपी और हार्ट के रोगियों के लिए तो यह रामबाण का काम करता है, माना जाता है कि यदि हाई बीपी का पेशेंट रुद्राक्ष की माला को धारण करे तो उसका ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है. बीपी पेशेंट यदि पंचमुखी रुद्राक्ष को एक गिलास पानी में रात में भिगोकर रख दें और सुबह उठकर खाली पेट उसे पी लें तो उसका बीपी कंट्रोल रहता है. यह भी कहा जाता है कि रुद्राक्ष की माला पहनने वाले को कभी भी हार्ट अटैक या ब्रेन हेमरेज की  प्रॉब्लम नहीं होती है.  


3. कुछ परिवारों में बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं, उन्हें तीन मुखी रुद्राक्ष गले में धारण कराया जाता है.  इसी तरह दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से हिस्टीरिया, कोमा और महिलाओं से संबंधित बीमारियों में भी छह मुखी रुद्राक्ष असरकारक माना गया है.    


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)