Santoshi Mata Aarti: शुक्रवार के दिन संतोषी माता का व्रत किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से माता खुश होती है और अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं. हर शुक्रवार के दिन संतोषी माता का व्रत किया जाता है. इस दिन संतोषी मां की पूजा पाठ की जाती है. पूजा के बाद माता की आरती भी की जाती है. मान्यता है कि बिना आरती के पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसे में भक्तों के लिए हम संतोषी माता की आरती दे रहे हैं कि जिसे कि भक्तजन पूजा के बाद पढ़ सकते हैं. संतोषी मां की पूजा करने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार के खटाई यानि कि खट्टा चिजों से परहेज करनी चाहिए. वहीं इस दिन पूजा के बाद 7 कन्याओं को घर में बुलाकर उन्हें प्रसाद ग्रहण करवानी चाहिए.


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जब कन्या घर में प्रसाद ग्रहण करने आए तो सबसे पहले उनके चरण पखारें. फिर उन्हें सम्मान पूर्वक आसन देकर बिठाएं. कन्याओं के प्रसाद ग्रहण के बाद उन्हें वस्त्र और नकदी देकर विदा करें. ऐसा करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों के भंडार को भर देती हैं. इस दिन माता की आरती शाम के वक्त करें. ऐसा करने से आपके भंडार भरे रहेंगे.


संतोषी माता की आरती


जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन को, सुख संपत्ति दाता।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


सुंदर, चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो।
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे।
मंद हंसत करूणामयी, त्रिभुवन जन मोहे।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ..


स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरे प्यारे।
धूप, दीप, मधुमेवा, भोग धरें न्यारे।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


गुड़ अरु चना परमप्रिय, तामे संतोष कियो।
संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


जय शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही।
भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई।
विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै।
जो मन बसे हमारे, इच्छा फल दीजै।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


दुखी, दरिद्री ,रोगी , संकटमुक्त किए।
बहु धनधान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनंद आयो।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदंबे।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अंबे।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..


संतोषी मां की आरती, जो कोई नर गावे।
ॠद्धिसिद्धि सुख संपत्ति, जी भरकर पावे।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)