सावन पूर्णिमा पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, ना करें ये गलतियां, बर्बाद हो सकता है जीवन!
Sawan Purnima 2023 kab hai: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है और सावन महीने की पूर्णिमा तो बहुत ही खास होती है. इस साल सावन पूर्णिमा पर दुर्लभ संयोग बन रहा है और कुछ बातों का ध्यार रखना होगा.
Sawan Purnima 2023 Date: सावन महीने का बड़ा महत्व होता है और इसकी कुछ तिथियां बहुत खास होती हैं. जैसे-मासिक शिवरात्रि, प्रदोष, सावन पूर्णिमा, सावन अमावस्या आदि. इस बार चूंकि सावन महीना 59 दिन का है इसलिए इस साल सावन महीने में 2 पूर्णिमा और 2 अमावस्या पड़ेंगी. इसके चलते इस बार लोगों को इन तिथियों पर पूजा-पाठ, स्नान-दान करके पुण्य कमाने का दोगुना मौका मिलेगा. इस सावन पूर्णिमा पर दुर्लभ संयोग बन रहा है. यह पूर्णिमा अधिकमास में पड़ रहा है.
सावन पूर्णिमा 2023 तिथि
इस साल सावन महीने में अधिकमास पड़ रहा है. अधिकमास शुरू हो चुका है और 16 अगस्त तक चलेगा. इस कारण सावन 59 दिन का है. हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने की पहली पूर्णिमा 1 अगस्त को पड़ रही है. सावन पूर्णिमा तिथि 1 अगस्त को सुबह 5 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 2 अगस्त सुबह 1 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार सावन अधिकमास पूर्णिमा व्रत 1 अगस्त 2023, मंगलवार को रखा जाएगा. मंगलवार होने के कारण इस दिन मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा.
सावन अधिक पूर्णिमा 2023 पर शुभ योग
सावन पूर्णिमा पर मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा. इसके अलावा पूर्णिमा के दिन 3 बेहद शुभ योग भी बन रहे हैं. सावन पूर्णिमा के दिन प्रीति योग और आयुष्मान योग बनेगा. साथ ही उत्तराषाढ़ नक्षत्र भी रहेगा. इन योगों में पूजा-पाठ करना बहुत लाभ देता है.
सावन पूर्णिमा के दिन ना करें ये गलतियां
सावन पूर्णिमा के दिन बेहद शुभ संयोग बन रहे हैं. ऐसा योग दुर्लभ भी बनता है. लिहाजा सावन पूर्णिमा के दिन स्नान-दान जरूर करें. संभव हो तो व्रत करें, विधि-विधान से पूजा करें. साथ ही पूर्णिमा के दिन कुछ गलतियां करने से बचें, वरना यह कष्ट, नुकसान और दुखों का कारण बनती हैं.
- सावन पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन ना करें. इस दिन लहसुन, प्याज, नॉनवेज, शराब से दूरी रखें.
- सावन पूर्णिमा के दिन किसी को खाली हाथ ना लौटाएं. इस दिन जरूरतमंदों को दान देना बहुत शुभ होता है.
- सावन पूर्णिमा के दिन देर तक ना सोएं. बल्कि जल्दी उठकर पवित्र नदी के जल से स्नान करें. भोलेनाथ के साथ-साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)