Shanishchari Amavasya 2022 Remedy: भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भाद्रपद अमावस्या कहते हैं. इस दिन का काफी महत्व है, क्योंकि ऐसा संयोग बहुत कम बनता है. इस साल शनि अमावस्या शनिवार यानी कि 27 अगस्त को पड़ रही है. ऐसे में इस दिन को शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है. अमावस्या 26 अगस्त को दोपहर करीब 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 27 अगस्त दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक रहेगी. शनिदेव इस समय मकर राशि में वक्री अवस्था में हैं. इस वजह से धनु, मकर और कुंभ राशि के लोगों पर साढ़े साती चल रही है तो मिथुन और तुला राशि के लोग ढैय्या से परेशान हैं. ऐसे में शनिश्चरी अमावस्या के दिन इन राशियों के जातक कुछ उपाय कर परेशानी कम कर सकते हैं.


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पोटली करें दान


शनिश्चरी अमावस्या से एक दिन पहले थोड़ा सा गुड़ और काली उड़द की दाल पड़े में बांधकर सोते समय सिरहाने के पास रख लें. दूसरे दिन यानी कि शनिश्चरी अमावस्या पर इस पोटली में बंधी चीजों को शनि मंदिर में दान कर दें.


सरसों के तेल में देखें परछाई


शनिदेव की नकारात्मक दृष्टि से बचने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन बर्तन में सरसों का तेल लेकर उसमें सिक्का डाल लें. इसके बाद इस तेल में अपनी परछाई देखें, फिर इसे किसी गरीब या जरूरतमंद को दान कर दें. वहीं, शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.


सरसों के तेल का दीपक


जिन राशि के जातकों पर शनि का साढ़े साती या ढैय्या चल रही है और इससे वह काफी परेशान हैं. वह इस दिन शनिदेव को सरसों को तेल चढ़ाए. उनके आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. काली उड़द की दाल चढ़ाएं और इससे बने प्रसाद को वितरित करें.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)