Shiva Avatar List: भगवान शिव को कालों का महाकाल कहा गया है, जब भी धरती पर अधर्म बढ़ा है, तो धर्म की रक्षा के लिए भगवान शिव ने अवतार लिए हैं. भगवान शिव की गिनती त्रिदेवों में होती हैं. शिव जी को तंत्र-मंत्र का अधिष्‍ठात्री देवता कहा जाता है. भगवान शिव ने समय-समय पर दुष्‍ट असुरों का संहार करने के लिए कई अवतार लिए हैं. वहीं कुछ अवतार भोलेनाथ ने देवताओं का अभिमान तोड़ने के लिए भी लिए हैं. धर्म-शास्‍त्रों के अनुसार भगवान शिव ने 19 अवतार लिए हैं. इनमें से कुछ अवतार तो बहुत खास हैं. 


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भगवान शिव के अवतारों की लिस्‍ट 


1. वीरभद्र अवतार 
2. पिप्पलाद अवतार 
3. नंदी अवतार 
4. भैरव अवतार 
5. अश्वत्थामा अवतार 
6. शरभावतार 
7. ग्रह पति अवतार 
8. ऋषि दुर्वासा अवतार 
9. हनुमान 
10. वृषभ अवतार 
11. यतिनाथ अवतार 
12. कृष्णदर्शन अवतार 
13. अवधूत अवतार 
14. भिक्षुवर्य अवतार 
15. सुरेश्वर अवतार 
16. किरात अवतार 
17. ब्रह्मचारी अवतार 
18. सुनटनर्तक अवतार 
19. यक्ष अवतार 


अब भी जीवित हैं शिव जी के 2 अवतार 


शिव जी ने समय-समय पर कई अवतार लिए हैं, ये सभी बेहद खास हैं. वहीं इनमें से 2 अवतारों के बारे में कहा जाता है कि ये आज भी जीवित हैं. आइए जानते हैं कि शिव जी के वो 2 कौनसे अवतार हैं, जिनके बारे में मान्‍यता है कि वे आज भी जीवित हैं.  


हनुमान जी: माना जाता है कि भगवान शिव के अवतार हनुमान जी आज भी जीवित हैं. हनुमान जी के अवतार की कहानी बेहद रोचक है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब देवताओं और दानवो के बीच जब विष्णु जी के मोहनी रूप के द्वारा अमृत बांटा जा रहा था तो भगवान भोलेनाथ मोहिनी रूप को देख करके अपने आप को रोक ना सके और उनका वीर्य निकल गया.  तब सप्त ऋषियों ने भोलेनाथ जी के वीर्य को कुछ पत्तों पर इकट्ठा कर लिया. बाद में समय आने पर इसी वीर्य को वानर राज केसरी की पत्नी अंजनी के कान के माध्यम से उनके गर्भ में स्थापित किया गया. 


इसी से महापराक्रमी, महाबलशाली और भगवान राम के भक्त भगवान श्री हनुमान जी का जन्म हुआ. कहा जाता है कि भगवान हनुमान को 1000 से भी अधिक हाथियों का बल प्राप्त था. साथ ही उन्हें भूत-प्रेत का काल और संकटमोचक माना जाता है. कथाओं के अनुसार भगवान हनुमान की भक्ति देखकर माता सीता ने उन्‍हें अमरता का वरदान दिया था और आज भी हनुमान जी जीवित हैं. 


अश्वत्थामा: भगवान भोलेनाथ के पांचवे अवतार को अश्वत्थामा का नाम दिया गया था. यह भगवान भोलेनाथ का यह अवतार गुरु द्रोणाचार्य के घर उनके पुत्र के रूप में हुआ था. द्रोणाचार्य ने भगवान भोलेनाथ को पुत्र के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी और भगवान भोलेनाथ ने उन्हें प्रसन्न होकर उनके पुत्र के तौर पर जन्‍म लेने का वरदान दिया था. साथ ही अश्‍वत्‍थामा को भी अमरता का वरदान मिला था. माना जाता है कि आज भी अश्वत्थामा धरती पर ही विचरण कर रहे हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)