Tulsi Ke Niyam : गणेश उत्‍सव समापन की ओर है और अब पितृ पक्ष शुरू होंगे. पितृ पक्ष या श्राद्ध 15 दिन तक चलते हैं. इस दौरान पितरों को याद किया जाता है, उनकी आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, दान-पुण्‍य आदि किए जाते हैं. इससे पितृ प्रसन्‍न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर 2024 से प्रारंभ हो रहे हैं और 2 अक्‍टूबर 2024 तक चलेंगे. इस बीच 18 सितंबर को चंद्र ग्रहण और 2 अक्‍टूबर को सर्वपितृ अमावस्‍या के दिन सूर्य ग्रहण लगेगा. पितृ पक्ष के दौरान कई नियमों का पालन करना जरूरी है. ये नियम ना केवल श्राद्ध कर्म करने वाले व्‍यक्ति के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए भी होते हैं. पितृ पक्ष के दौरान तुलसी के पौधे से जुड़े कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी है, वरना मां लक्ष्‍मी नाराज हो जाती हैं. लक्ष्‍मी जी की नाराजगी गरीबी लाती है. 

 


 

पितृ पक्ष में तुलसी के नियम 

 

पितृ पक्ष में तुलसी पूजन आदि को लेकर विशेष ध्‍यान रखना जरूरी है क्‍योंकि तुलसी का पौधा मां लक्ष्‍मी का रूप होता है. यह घर में सकारात्‍मकता और समृद्धि लाता है. 

 

- श्राद्ध पर्व के दौरान तुलसी की पूजा रोजाना नियमानुसार करें. इससे पितृ प्रसन्‍न होते हैं. लेकिन ध्‍यान रहे कि तुलसी की पूजा घर का वो सदस्‍य करे जो श्राद्ध या तर्पण नहीं कर रहा है. तुलसी पूजा करने वाले को श्राद्ध से जुड़ा कोई कार्य नहीं करना चाहिए.

 


 

- पितृ पक्ष में तुलसी के पौधे को स्‍पर्श नहीं करना चाहिए. लिहाजा पितृ पक्ष के दौरान तुलसी को छूने से बचें. 

 

- पितृ पक्ष के दौरान तुलसी की पत्तियां भी नहीं तोड़ें. इससे पितृ नाराज होते हैं. उनकी आत्‍मा को कष्‍ट होता है. 

 

- हालांकि तुलसी की माला धारण कर सकते हैं. लेकिन ध्‍यान रहे कि तुलसी की माला धारण करने के अन्‍य नियमों का पालन करते रहें. 

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)