Tulsi Remedies: वैशाख माह में पुरुष कर लें तुलसी की 5 पत्ती का टोटका, भाग्य बदलने में नहीं लगेगा समय
Vaishakh Month 2023: हिंदू धर्म में वैशाख माह को पवित्र माह में से एक माना गया है. इस माह में तुलसी की पत्तियों के कुछ उपाय करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है. साथ ही, भाग्य का साथ मिलता है.
Tulsi Upay In Vaishakh Month 2023: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को विशेष स्थान प्राप्त है. कहते हैं कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है. ऐसे में नियमित रूप से तुलसी की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा तो आती ही है. साथ ही, व्यक्ति को मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है. शास्त्रों में कहा गया है कि मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं. ऐसे में भगवान विष्णु को अगर नियमित रूप से तुलसी के पत्ते अर्पित किए जाएं, तो श्री हरि के साथ मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
ज्योतिष शास्त्र में तुलसी के पौधे से संबंधित कई उपायों के बारे में तो आपने सुना ही होगा. इन उपायों को करने से व्यक्ति का सोया भाग्य भी जाग जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर इन उपायों को किसी खास दिन या किसी खास तिथि में किया जाए, तो ये शीघ्र फल प्रदान करते हैं. जानें वैशाख माह में पुरुष मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं.
वैशाख माह में तुलसी के पत्तों से करें ये उपाय
स्कंद पुराण में तुलसी के कुछ उपायों का जिक्र किया गया है. इस उपाय को करने के लिए तुलसी की 5 पत्तियां लेकर पीपल के पेड़ की 5 बार परिक्रमा करें. इस उपाय को करने से व्यक्ति को बैकुंठ की प्राप्ति होती है और साथ ही मोक्ष मिलता है. इतना ही नहीं, व्यक्ति को हर तरह के कष्टों से धीरे-धीरे निजात मिलती जाती है. धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है.
स्कंद पुराण के अनुसार पीपल के पेड़ की परिक्रमा 5 बार से ज्यादा भी की जा सकती है. ऐसे में आप हाथों में 5, 7, 11, 21, 51 याा 108 पत्तियां ले सकते हैं. और उतनी ही परिक्रमा कर सकते हैं.
वैशाख माह में पीपल के पेड़ का महत्व
वैशाख माह में पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी खास महत्व बताया गया है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करना शुभ माना गया है. पीपल की पूजा के लिए एख लोटे में गंगाजल, जल, कच्चा दूध और थोड़ा तिल मिलाकर अर्पित कर दें. इस उपाय को करने से विष्णु जी की विशेष कृपा मिलता है. साथ ही, पितृ भी तृप्त होते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)