नई दिल्ली: भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जहां प्रसाद के रूप में देवी-देवताओं को अलग-अलग तरह की और कुछ अजीब चीजें भी चढ़ायी जाती हैं. कोलकाता में काली माता (Kolkata Kali Temple) का एक मंदिर है जहां भोग के रूप में देवी को चाइनीज नूडल (Chinese Noodles) चढ़ाया जाता है तो वहीं तमिलनाडु के एक मंदिर में भगवान को डोसे का भोग (Dosa as Bhog) लगाया जाता है और केरल के एक मंदिर में चॉकलेट का भोग (Chocolate as bhog) लगता है और प्रसाद के रूप में भी उसी का वितरण किया जाता है. लेकिन क्या भगवान को प्रसाद के रूप में कंकड़-पत्थर अर्पित किए जा सकते हैं?


वनदेवी का मंदिर कंकड़ पत्थर चढ़ाए जाते हैं


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आज बात एक ऐसे ही मंदिर की जहां देवी मां को भोग और प्रसाद के रूप में नारियल या फल-फूल नहीं बल्कि कंकड़ और पत्थर का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. सदियों से इस अनोखी परंपरा का पालन यहां पर किया जा रहा है. यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से सटे खमतराई में है. इस मंदिर में वनदेवी (Vandevi Temple) की पूजा की जाती है. यहां के लोगों की ऐसी मान्यता है कि वनदेवी के दरबार में मन्नत पूरी होने पर चढ़ावे के रूप में पांच पत्थर देवी मां को अर्पित किए जाते हैं. 


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देवी मां को पांच पत्थरों का चढ़ावा चढ़ता है


श्रद्धालु इस मंदिर में फूल-माला या पूजन सामग्री लेकर नहीं बल्कि पांच पत्थर (Five stones) लेकर आते हैं और देवी मां से अपनी मनोकामना कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि वनदेवी के इस मंदिर में सच्चे मन से पांच पत्थर चढ़ाने वाले श्रद्धालु की मनोकामना जरूर पूरी होती है. मन्नत पूरी होने के बाद एक बार फिर श्रद्धालु मंदिर में पांच पत्थरों का चढ़ावा चढ़ाते हैं. हालांकि यहां मंदिर में वन देवी को कोई भी साधारण पत्थर नहीं चढ़ाया जा सकता बल्कि खेतों में मिलने वाला गोटा पत्थर ही चढ़ाया जाता है. 


(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)


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