Utpanna Ekadashi 2023: 8 या 9 दिसंबर 2023 कब है उत्पन्ना एकादशी? जानिए तारीख और पूजा का समय
Utpanna Ekadashi Kab Hai: उत्पन्ना एकादशी का व्रत को रखने वाला व्यक्ति सांसारिक सुखों को भोगकर मोक्ष को प्राप्त करता है. उत्पन्ना एकादशी के व्रत बेहद फलदायी होता है. चलिए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी की सही तारीख, मुहूर्त और महत्व.
Utpanna Ekadashi 2023 Date: मार्गशीर्ष माह श्रीकृष्ण का प्रिय महीना है जोकि 26 दिसंबर 2023 रहने वाला है. इस माह श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है जिसमें कई व्रत और त्योहार आते हैं. उत्पन्ना एकादशी इन्हीं में से एक है. हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक उत्पन्ना एकादशी का बेहद महत्व है क्योंकि इसी एकादशी से ही एकादशी व्रत की शुरुआत हुई थी.
उत्पन्ना एकादशी का व्रत को रखने वाला व्यक्ति सांसारिक सुखों को भोगकर मोक्ष को प्राप्त करता है. जो लोग एकादशी का व्रत शुरु करना चाहते हैं उनके लिए उत्पन्ना एकादशी के व्रत से शुरु करना बेहद फलदायी होता है. चलिए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी की सही तारीख, मुहूर्त और महत्व.
कब है उत्पन्ना एकादशी 8 या 9 दिसंबर 2023? (Utpanna Ekadashi 8 or 9 December 2023)
हिंदू पंचांग के मुताबिक 8 दिसंबर 2023 को मार्गशीर्ष माह की उत्पन्ना एकादशी है. इसकी शुरुआत 8 दिसंबर की सुबह 5 बजकर 6 मिनट है और 9 दिसंबर सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर समापन होगा.
8 दिसंबर 2023 - उत्पन्ना एकादशी इस बार दो दिन पड़ रही है और उदयातिथि के अनुसार एकादशी का व्रत किया जाता है. ऐसे में गृहस्थ (स्मार्त संप्रदाय) वालों के लिए ये व्रत पहले दिन यानि कि 8 दिसंबर को मान्य होगा.
9 दिसंबर 2023 - इस दिन वैष्णव संप्रदाय जैसे संयासी और संत के लोगों को एकादशी का व्रत रखना चाहिए. एकादशी में वैष्णव संप्रदाय के पूजा-पाठ के नियम थोड़े अलग होते हैं.
व्रत पारण समय (Utpanna Ekadashi 2023 Vrat Parana Time)
गृहस्थ जीवन यानि कि स्मार्त संप्रदाय से जुड़े लोग 8 दिसंबर 2023 को व्रत रख रहे हैं वो 9 दिसंबर दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से दोपहर 3 बजकर 20 के बीज व्रत पारण कर सकते हैं. इसके साथ ही वैष्णव संप्रदाय के लोग 10 दिसंबर की सुबह 7 बजकर 2 मिनट से सुबह 7 बजकर 13 के बीच में इस व्रत का पारण करें.
क्यों मनाई जाती है उत्पन्ना एकादशी? (Utpanna Ekadashi Significance)
उत्पन्ना एकादशी के दिन ही माता एकादशी का जन्म हुआ था. इस दिन श्रीहरि विष्णु के अंश से पैदा हुई देवी एकादशी ने मुर नामक असुर का वध किया था. इस व्रत को रखने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)