Utpanna Ekadashi 2024: आत्म-अनुशासन का व्रत है उत्पन्ना एकादशी, जानें क्या है इसका नियम
Utpanna Ekadashi 2024: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत को करने से सुख और सौभाग्य में खूब बढ़ोतरी होती है. मान्यताओं के मुताबिक अगर आप इस व्रत को करते हैं तो भक्तों को सभी कष्टों से छुटकारा प्राप्त होती है.
Utpanna Ekadashi 2024: हिंदू धर्म के मुताबिक एकादशी की तिथी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के उपासक अपने आराध्य देव को आह्वान करते हुए व्रत रखते हैं. जिसके बाद भक्त जन विधि-विधान के साथ श्रीहरि की पूजा करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से जगत के पालनहार श्री विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं.
कष्टों से छुटकारा दिलाता है यह व्रत
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत को करने से सुख और सौभाग्य में खूब बढ़ोतरी होती है. मान्यताओं के मुताबिक अगर आप इस व्रत को करते हैं तो भक्तों को सभी कष्टों से छुटकारा प्राप्त होती है. एकादशी का व्रत हर महीने में दो बार होती है. एक शक्ल पक्ष की एकादशी तो दूसरा कृष्ण पक्ष. मार्गशीर्ष महीने में पड़ने वाले व्रत को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार यह व्रत 26 नवंबर 2024 को है. तो आइए जानते हैं कि इस व्रत को करने के लिए क्या क्या नियम हैं.
एकादशी व्रत के नियम
प्रातः काल तड़के सुबह जागकर शुद्ध पानी से नहाएं. इसके बाद साफ कपड़े पहनें. इस दौरान हर हाल में ब्रह्मचर्य को बनाए रखें. खाने में प्याज, लहसुन, मांस, चावल, गेहूं, दाल और फलियों का सेवन किसी भी परिस्थिति में न करें. इसके अलावा धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें.
आत्म-अनुशासन का है यह व्रत
व्रत के दिन व्रत वाला भोजन या फल और दूध ही खाएं. अगर व्रत निर्जला है तो उस दिन कुछ भी न खाएं यहां तक कि पानी भी न पिएं. इस दिन दान पुण्य का विशेष महत्व होता है तो जरुतमंदों के बीच भोजन या आवश्यक वस्तुओं का दान जरूर करें. व्रत के दौरान शांत रहें, विनम्र रहें. इस दिन किसी पर भी गुस्सा न करें और न हीं किसी को अपशब्द कहें. एकादशी व्रत आत्म-अनुशासन का व्रत होता है. तो जितना ज्यादा से ज्यादा उस दिन अनुशासन बनाएं रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)