Mandir according to vastu: आप पूजा पाठी हैं, रोज प्रभु का स्मरण करते हैं, मकान बनाने जा रहे हैं और मुहूर्त देख कर भूमि पूजन भी करा रहे हैं तो फिर आप घर पर भगवान का  ध्यान करने के लिए भी कोई स्थान जरूर बनाएंगे. घर पर पूजा घर बनाना है तो उसे सही दिशा में बनाना अति उत्तम रहेगा. वास्तु के अनुसार पूजा घर निर्माण के लिए घर का ईशान कोण अर्थात उत्तर पूर्व के मध्य की दिशा सबसे उत्तम मानी जाती है. ईशान कोण में बैठकर पूजा ध्यान करना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है इस स्थान में पूजा पाठ करने से मन को शांति मिलती है और पूजा में अधिक मन भी लगता है. घर या फ्लैट में  पूजा घर का निर्माण पूर्व  से लेकर उत्तर के बीच कहीं पर भी बना सकते हैं परंतु घर में पूजा स्थल स्थापित करने की सर्वोत्तम जगह ईशान कोण है.  


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मंदिर बनाने में इन बातों का ध्यान रखें
1. मंदिर के चारों कोने हमेशा 90 डिग्री के होने चाहिए. 
2. वर्गाकार आकार वाले मंदिर वस्तु की दृष्टि से सर्वोत्तम मंदिर माने जाते हैं.
3. मंदिर के नीचे से सीवरेज की पाइप लाइन नहीं जानी चाहिए.
4. मंदिर में हल्के नीले रंग का प्रयोग करना चाहिए.
5. किसी मकान आदि का गिरा हुआ ईंट, चूना पत्थर और लकड़ी आदि मंदिर निर्माण में नहीं लगानी चाहिए.
6. घर के पूजा घर में हिंसक व अशुभ पशु पक्षियों के चित्र वास्तु पुरुष के चित्र आदि नहीं लगाने चाहिए.
7. पूजा घर के कोने में बहुत भारी सामान नहीं होना चाहिए.
8. बेडरूम में मंदिर का निर्माण नहीं करना चाहिए.
9. खंडित मूर्तियों को मंदिर में नहीं रखना चाहिए.
10. मंदिर का निर्माण बाथरूम या टॉयलेट से जुड़ी दीवार पर नहीं होना चाहिए.
11. घर के तलघर में मंदिर का निर्माण भूल से भी नहीं करना चाहिए.
12. सीढ़ी के नीचे भी मंदिर का निर्माण नहीं करना चाहिए.
13. मंदिर का द्वार घर के मुख्य द्वार से हमेशा छोटा होना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)