Vat Savitri Vrat Aarti in Hindi: हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री व्रत रखा जाता है. इस साल वट सावित्र व्रत 6 जून यानी आज रखा जा रहा है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. साथ ही कुछ महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत भी रखती हैं. शास्त्रों के अनुसार वट वृक्ष की पूजा करना शुभ मानी जाती है इससे सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसके बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है. 


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जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
वट सावित्री व्रत के दिन का पूजा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है. इस समय आप वट सावित्री व्रत की पूजा कर सकती हैं. इस दिन वट सावित्री व्रत की आरती करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि का वास होता है.



वट सावित्री व्रत की आरती
अश्वपती पुसता झाला।। नारद सागंताती तयाला।। 
अल्पायुषी स त्यवंत।। सावित्री ने कां प्रणीला।। 
आणखी वर वरी बाळे।।मनी निश्चय जो केला।। 
आरती वडराजा।।
दयावंत यमदूजा। सत्यवंत ही सावित्री। 
भावे करीन मी पूजा। आरती वडराजा ।।
ज्येष्ठमास त्रयोदशी। करिती पूजन वडाशी ।। 
त्रिरात व्रत करूनीया। जिंकी तू सत्यवंताशी। 
आरती वडराजा ।। 
स्वर्गावारी जाऊनिया। अग्निखांब कचळीला।। 
धर्मराजा उचकला। हत्या घालिल जीवाला।
 येश्र गे पतिव्रते। पती नेई गे आपुला।। 
आरती वडराजा ।।
जाऊनिया यमापाशी। मागतसे आपुला पती। 
चारी वर देऊनिया। दयावंता द्यावा पती। 
आरती वडराजा ।।
पतिव्रते तुझी कीर्ती। ऐकुनि ज्या नारी।। 
तुझे व्रत आचरती। तुझी भुवने पावती।। 
आरती वडराजा ।।
 पतिव्रते तुझी स्तुती। त्रिभुवनी ज्या करिती।। 
स्वर्गी पुष्पवृष्टी करूनिया। आणिलासी आपुला पती।। 
अभय देऊनिया। पतिव्रते तारी त्यासी।। 
आरती वडराजा ।।


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करें इस मंत्र का जाप


वट सावित्री की पूजा में इस मंत्र का करें जाप 


अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते।
पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते।। 
यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले। 
तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।। 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)