Vinayak Chaturthi 2021: 16 जनवरी को है विनायक चतुर्थी, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) के दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने पर संकट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
ऩई दिल्ली. 16 जनवरी, शनिवार को साल 2021 की पहली विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2021) मनाई जाएगी. हर माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) मनाई जाती है. हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का खास महत्व है. हर माह में दो चतुर्थी तिथियां आती हैं. अमावस्या के बाद वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) और पूर्णिमा के बाद वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहा जाता है.
विनायक चतुर्थी 2021 (Vinayak Chaturthi 2021)
विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) के दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने पर सभी तरह के संकट दूर होते हैं और सबकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जानिए विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Muhurat), महत्व (Vinayak Chaturthi Significance) और पूजा विधि (Vinayak Chaturthi Puja).
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विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi 2021 Shubh Muhurat)
विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) का प्रारंभ 16 जनवरी, शनिवार को सुबह 07 बजकर 27 मिनट से होगा और 17 जनवरी, रविवार सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर चतुर्थी तिथि तक रहेगा. विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त 16 जनवरी, शनिवार को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से दोपहर 01 बजकर 35 मिनट तक है.
विनायक चतुर्थी का महत्व (Vinayak Chaturthi Significance)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) के दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) की आराधना की जाती है. इस दिन सच्चे मन और विधि-विधान से पूजा करने पर भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस वजह से ही भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहते हैं.
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विनायक चतुर्थी पूजा-विधि (Vinayak Chaturthi 2021 Puja Vidhi)
1. गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े धारण करें.
2. स्नान के बाद मंदिर में दीपक जलाएं.
3. उसके बाद पवित्र जल से भगवान गणेश को स्नान कराएं और उन्हें स्वच्छ वस्त्र पहनाएं.
4. फिर भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं.
5. भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाएं. दूर्वा भगवान गणेश को अतिप्रिय होता है.
6. भगवान गणेश को लड्डू/मोदक का भोग लगाएं और उनकी आरती करें.