कब है साल 2024 की पहली मासिक कालाष्टमी? ये है पूजा की विधि
Paush Masik Kalashtami 2024: कालाष्टमी तिथि काल भैरव बाबा को समर्पित है. भैरव बाबा भगवान शिव के रौद्र रूप हैं. कालाष्टमी व्रत रखना और पूजा करने के कई फायदे हैं. इससे गरीबी, भय, कष्ट दूर होते हैं.
Paush Masik Kalashtami 2024: प्रत्येक हिंदू मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. साल 2024 की पहली कालाष्टमी पौष मास की कालाष्टमी है. कालाष्टमी के दिन काशी के कोतवाल काल भैरव की पूजा की जाती है. कालाष्टमी के दिन व्रत रखना और भैरव बाबा की पूजा करना कई लाभ देता है. साथ ही गरीबी, भय, कष्टों, संकटों से बचाता है. अकाल मृत्यु का खतरा टलता है. बाबा काल भैरव भगवान शिव के रौद्र अवतार हैं और देश में भैरव बाबा के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं. आइए जानते हैं कि साल 2024 की पहली मासिक कालाष्टमी कब है और इस दिन कैसे पूजा करें.
कालाष्टमी तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार पौष मास की कालाष्टमी तिथि की शुरुआत 3 जनवरी 2024 की शाम 7 बजकर 48 मिनट से होगी और 04 जनवरी 2024 की रात 10 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी. इस तरह कालाष्टमी व्रत 4 जनवरी 2024, गुरुवार को रखा जाएगा.
मान्यता है कि कालाष्टमी का व्रत रखने से और विधि-विधान से बाबा काल भैरव की पूजा करने से सभी तरह के भय से मुक्ति मिल जाती है. शत्रु परास्त होते हैं. साथ ही जातक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कालाष्टमी व्रत पूजन विधि
कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करें और साफ कपड़ें. फिर बाबा काल भैरव का स्मरण करके कालाष्टमी व्रत करने का संकल्प लें. कालाष्टमी की पूजा करने के लिए पूजा स्थल को साफ करें. गंगाजल छिड़कें. फिर चौकी पर काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. पूरे घर में भी गंगाजल छिड़कना शुभ फल देगा. इसके बाद बाबा काल भैरव का धूप, दीप से पूजन करें. उन्हें फूल, नारियल, इमरती, पान आदि अर्पित करें. साथ ही काल भैरव के सामने चौमुखी दीपक जलाएं. भैरव चालीसा और भैरव बाबा के मंत्रों का जाप करें. आखिर में आरती करें और काल भैरव बाबा को अपनी मनोकामना बताएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)