नई दिल्ली: हिंदू धर्म में कई ऐसी बातों का जिक्र किया गया है जिनसे इंसान की तरक्की में चार चांद लग जाता है. उन्हीं में से एक है शुभ चिह्न. शुभ चिह्न अधिकांश घरों के मुख्य द्वार पर इंकित किए जाते हैं. शुभ, लाभ और स्वस्तिक का चिह्न घरों या मंदिरों के मुख्य द्वार पर क्यो इंकित किया जाता है? इसे जानते हैं. 


मुख्य द्वार पर लिखे जाते हैं शुभ चिह्न?


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हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर शुभ-लाभ और स्वस्तिक का चिह्न इंकित करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. साथ ही भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसके अलावा ये चिह्न घर के आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा के नष्ट कर देते हैं. यही कारण है कि हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले घरों में किसी भी पूजा-पाठ से पहले भगवान गणेश की पूजा और मुख्य द्वार पर शुभ लाभ के साथ स्वस्तिक लिखा जाता है. 


शुभ लाभ लिखने का मतलब


शास्त्रों में शुभ लाभ को भगावान गणेश का पुत्र माना गया है. ऐसे में शुभ लिखने का मतलब है कि हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जिन साधनों से हमें धन और यश की प्राप्ति हुई है वह स्रोत हमेशा बना रहे. वहीं लाभ लिखने का मतलब है कि हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि घर में धन हमेशा बढ़ता रहे. साथ ही व्यापार में आर्थिक प्रगति होती रहे. 


घर में बनी रहती है सुख-शांति


घर के मुख्य द्वार पर शुभ लाभ लिखने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. साथ ही किसी की बुरी नजर नहीं लगती है. वहीं सिंदूर या कुमकुम से शुभ-लाभ लिखने का अर्थ है ये मां लक्ष्मी को चढ़ाया जाता है. ऐसे में इससे शुभ लाभ लिखने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.  


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)