Asteroid Alert: आज धरती पर सबसे बड़ा खतरा! 30 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार वाली चट्टानें आ रहीं करीब
Science News: हमारे सौरमंडल में ही इतनी खगोलीय घटनाएं होती रहती हैं जो अक्सर वैज्ञानिकों को हैरान कर जाती हैं. सौरमंडल की गतिविधियों को समझना आसान नहीं है. कई बार बात कुछ ऐसी होती है कि खतरा हमारी धरती पर मंडराने लगता है.
Asteroid: एस्टरॉयड 2023 NP (asteroid 2023 NP) के लिए नासा ने आज अलर्ट जारी किया है. यह एक 65 फीट का विशाल एस्टरॉयड है जो आज धरती की ओर बढ़ रहा है. इसका आकार एक बड़े अपार्टमेंट जितना बताया जा रहा है. यह एस्टरॉयड Aten ग्रुप से संबंधति बताया जाता है. नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक इसकी स्पीड डरा रही है. ये एस्टरॉयड हमारी प्रथ्वी के करीब से गुजरेंगे. ऐसे में वैज्ञानिकों की नजर इस घटनाक्रम पर बनी हुई है. बताया जा रहा है कि इसकी रफ्तार 29660 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
टकराने की सूचना नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह धरती के करीब 44.2 लाख किलोमीटर तक आने वाला है. यह 15 जुलाई को धरती के नजदीक होगा. नासा लगातार इस एस्टरॉयड पर नजर बनाए हुए हैं. कई स्पेस साइंटिस्ट इसका अध्य्यन कर रहे हैं. जिनका मानना है कि ये उसी पदार्थ के बने हैं जिससे कि हमारा पूरा सौरमंडल बना हुआ है, इसलिए इनकी स्टडी करना बड़े राज खोल सकता है. इसके अलावा कुछ और भी चट्टाने हमारी ओर बढ़ रही हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि नासा ने किसी के भी टकराने जैसी कोई सूचना जारी नहीं की है.
नासा कैसे करता है ट्रैक?
नासा भू-आधारित और अंतरिक्ष-आधारित दूरबीनों के संयोजन का उपयोग करके क्षुद्रग्रहों को ट्रैक करता है. नासा का Asteroid Terrestrial- impact Last Alert System (ATLAS) चलती रात को आकाश में गति करती हुई वस्तुओं को स्कैन करता है और किसी भी संभावित एस्टेरॉयड की पहचान की रिपोर्ट करता है. कुछ चीजों के लिए उसके वैज्ञानिक इन्फ्रारेड सेंसर का इस्तेमाल करते हैं. उसकी विशाल दूरबीनों की इस पड़ताल में अहम भूमिका होती है.
क्या होते हैं एस्टरॉयड?
एस्टेरायड छोटे चट्टान रूपी पिंड होते हैं, जो हमेशा सूरज के चारों ओर घूमते रहते हैं. एस्टेरायड सामान्य तौर पर मंगल और बृहस्पति गृह के बीच परिक्रमा करते हैं. जानकारों के मुताबिक हमारे सौर मंडल में हजारों की संख्या में एस्टेरायड मौजूद हैं.