सच हुई 100 साल पहले की भविष्यवाणी, वैज्ञानिकों ने खोज ली नए प्रकार की कोशिका
New Cell Type Discovered: ऑस्ट्रेलियाई रिसर्चर्स ने एक बिल्कुल नए प्रकार की कोशिका खोजी है. वैज्ञानिकों ने 100 साल से भी अधिक समय पहले, इस तरह की कोशिका होने का अनुमान लगाया था.
Science News in Hindi: वैज्ञानिकों ने एक प्रकार की कोशिका का पता लगाया है. ऐसी कोशिका के होने की भविष्यवाणियां 100 साल से भी पहले से की जाती रही हैं. अब जाकर रिसर्चर्स ने इस कोशिका के वयस्क रूप की खोज की है. यह कोशिका बड़े हो चुके चूहों की महाधमनी में छिपी हुई थी. इस नए टाइप की कोशिका की खोज स्तनधारी शरीर के इलाज के बारे में हमारी समझ में एक बड़े अंतर को पाटती है.
ऑस्ट्रेलियाई रिसर्चर्स ने नए प्रकार की कोशिका को 'EndoMac progenitors' नाम दिया है. इस खोज में वैज्ञानिकों को कुल नौ साल लगे. अब साउथ ऑस्ट्रेलियन हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (SAHMRI) की टीम मानव शरीर में ऐसी कोशिकाओं की तलाश में जुट गई है.
खोजी गई नई कोशिका का काम क्या है?
SAHMRI के मेडिकल साइंटिस्ट सानुरी लियानागे ने बताया कि 'इन कोशिकाओं का एक महत्वपूर्ण काम है, शरीर को जरूरत पड़ने पर रक्त वाहिकाओं को विकसित करने में मदद करना. चोट लगने या खराब रक्त प्रवाह की स्थिति में ये सक्रिय हो जाती हैं और इलाज में मदद के लिए तेजी से फैल जाती हैं.
Explainer: नाक-मुंह बंद करके सांस रोकना नामुमकिन क्यों है? बॉडी का सेफ्टी मैकेनिज्म समझिए
लियानागे और उनके साथियों ने चूहों से EndoMac progenitor कोशिकाओं को आइसोलेट किया और फिर उन्हें लैब में कल्चर किया. इन कोशिकाओं ने लैब में कॉलोनियां बना लीं. जब इन कोशिकाओं को मधुमेह से पीड़ित चूहों के शरीर में इंजेक्शन के जरिए दाखिल कराया गया, तो इनकी कॉलोनियों ने घाव भरने की क्षमता में बहुत अधिक इजाफा किया.
यह भी पढ़ें: शरीर हरा पड़ जाएगा, छिन सकती है आंखों की रोशनी... मंगल ग्रह पर इंसान का रह पाना आसान नहीं!
मानव शरीर में चमत्कार कर सकती हैं ऐसी कोशिकाएं
लियानगे और उनकी टीम अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या ऐसी कोशिकाएं मानव शरीर की महाधमनी (aorta) में भी पाई जाती हैं. उनकी शुरुआती रिसर्च उम्मीद जगाती है. लियानगे ने कहा, 'सैद्धांतिक रूप से, ये कोशिकाएं पुराने घावों से जूझ रहे मरीजों के इलाज में गेमचेंजर साबित हो सकती हैं.' ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों का रिसर्च पेपर Nature Communications पत्रिका में छपा है.