Science News in Hindi: वैज्ञानिकों ने एक नई प्रजाति की मोरे ईल (moray eel) की खोज की है. इसका नाम 'हेड्स स्नेक मोरे' (Hades' snake moray) रखा गया है. यह ईल गहरे भूरे रंग की होती है और मुख्य रूप से नदी के मुहानों में पाई जाती है, जहां खारे और मीठे पानी का मिश्रण होता है. यह सूर्य के प्रकाश से बचती है और मिट्टी में सुरंग बनाकर रहती है.


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मोरे ईल की अधिकांश प्रजातियां समुद्री खारे पानी में रहती हैं और चमकीले रंगों की होती हैं. हेड्स स्नेक मोरे ईल दक्षिणी जापान, ताइवान, फिलीपींस, दक्षिणी जावा और फिजी के मुहानों में पाई जाती है. इसकी खोज के बारे में जानकारी देती स्टडी ZooKeys जर्नल में छपी है.


दुर्लभ हैं ऐसी मिक्स्ड पानी में मिलने वाली ईल


वैज्ञानिकों के अनुसार, मोरे ईल की लगभग 230 ज्ञात प्रजातियां हैं, जिनमें से अधिकांश खारे समुद्री वातावरण में रहती हैं. कुछ प्रजातियां, जैसे 'फ्रेशवॉटर मोरे' (freshwater moray) और 'स्लेंडर जायंट मोरे' (slender giant moray), कम लवणता वाले वातावरण, जैसे नदी के मुहानों में भी पाई जाती हैं. लेकिन खास तौर पर ऐसे मिश्रित जल वाले स्थानों के लिए अनुकूलित मोरे ईल प्रजातियां दुर्लभ मानी जाती हैं.


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संयोग से हुई इस स्नेक ईल की खोज


हेड्स स्नेक मोरे ईल की खोज भी एक संयोगवश घटना थी. ताइवान की नेशनल सन यात-सेन यूनिवर्सिटी के तीन शोधकर्ता फिलीपींस के Puerto Princesa Subterranean नदी की एक गुफा में अन्य जलीय जीवों का सर्वे कर रहे थे. वे 'बीन-आइड स्नेक मोरे' (bean-eyed snake moray) नामक ईल की खोज में थे. हालांकि, उन्हें उसकी जगह यह नई प्रजाति मिली, जो एक आश्चर्यजनक खोज थी. यह खोज सा करती है कि हमारे ग्रह के महासागरों में अभी भी कई अज्ञात प्रजातियां मौजूद हैं.


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