Risug Male Contraceptive Test:  शादी के पवित्र बंधन में बंधने के बाद हर जोड़े की चाहत होती है उसका बच्चा हो. अगर पति और पत्नी दोनों के बीच यौन संबंध स्वस्थ और बेहतर है तो किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है. हालांकि बहुत सारे कपल ऐसे होते हैं जो बच्चे को थोड़ा लेट प्लान करना चाहते हैं. इसके लिए बाजार में तरह की तरह की गर्भनिरोधक गोलियां भी उपलब्ध हैं जिसका इस्तेमाल आमतौर पर औरतें करती हैं. अवांछनीय गर्भ को रोकने के लिए पुरुष भी कंडोम का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इस बात की संभावना रहती है कि कंडोम के इस्तेमाल के बाद भी औरतें प्रेग्नेंट हो जाती हैं, इन सबके बीच इंडियन मेडिकल काउंसिल रिसर्च ने एक ऐसे गर्भ निरोधक इंजेक्शन का दावा किया है जिसका इस्तेमाल पुरुष कर सकते हैं. उस गर्भनिरोधक का नाम रिसग है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

40 साल की कोशिश के बाद शानदार नतीजा



कामयाबी के मुकाम तक पहुंचने के लिए रिसग को तीन परीक्षणों से गुजरना पड़ा. इस खास गर्भनिरोधक इंजेक्शन को आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर संजय कुमार गुहा ने विकसित किया है. 1979 में उनका पहला लेख जर्नल कंट्रासेप्शन में प्रकाशित हुआ था. करीब चालीस साल की कोशिश की कोशिश के बाद तीन फेज में यह कामयाबी मिली है. इस गर्भनिरोधक इंजेक्शन पर टेस्ट के लिए जयपुर, नई दिल्ली, उधमपुर, खड़गपुर और लुधियाना के अस्पतालों का चयन किया गया. इस पूरे कार्यक्रम को भारत सरकार के हेल्थ मंत्रालय से फंडिंग हुई थी. पुरुष गर्भनिरोधक रिसग के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अगर कुछ लोगों में इंजेक्शन के लगने के बाद बुखार, पेशाब में संक्रमण, शरीर में कुछ हद तक सूजन की दिक्कत हो सकती है लेकिन उनकी प्रकृति अस्थाई है.


क्या है रिसग
रिसग(RISUG) को रिवर्सिबल इंहिबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस कहा जाता है जिसे स्पर्म डक्ट में इंजेक्ट किया जाता है. स्पर्म डक्ट के जरिए शुक्राणु टेस्टिकल्स से पुरुष के पेनिस में जाता है. इसके लिए स्कॉर्टम के उस हिस्से को सुन्न किया जाता है जहां से इंजेक्शन दिया जाता है. जब एक बार रिसग को इंजेक्ट कर दिया जाता है उसकी वजह से पॉलीमर स्पर्म डक्ट की आंतरिक दीवार से चिपक जाते हैं. जब यह किसी नेगेटिव स्पर्म के संपर्क में आता है तो उसके टेल को नष्ट कर देता है और इसका फायदा यह होता है कि एग के संपर्क में आने पर भी एग निषेचित नहीं हो पाता. रिसग के बारे में आईसीएमआर का दावा है कि इसके जरिए 99 फीसद अनवांडेट प्रेग्नेंसी को रोका जा सकता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि साइड इफेक्ट नहीं होता.