नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली के अनुसंधानकर्ताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित ऐसी हार्डवेयर प्रणाली विकसित की है जो कुछ ही मिलीसेकंड में मलेरिया, तपेदिक, आंत में मौजूद परजीवियों और गर्भाशय के कैंसर का पता लगाने में मदद कर सकती है. यह अनुसंधान न्यूरोमॉर्फिक प्रणाली बनाने पर केंद्रित है जिसका प्रयोग सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए किया जाएगा जहां मानव विशेषज्ञों की पहुंच सीमित है.


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आईआईटी दिल्ली के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्राध्यापक मानन सूरी ने कहा, “स्वास्थ्यसेवा एवं निदान संबंधित अनुप्रयोगों के लिए ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ प्रारूप के कई सॉफ्टवेयर मौजूद हैं, लेकिन इस वक्त की जरूरत यह है कि इन प्रारूपों को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकने वाले कम ऊर्जा की खपत करने वाले उपकरण में कैसे प्रभावी ढंग से ढालें ताकि कम संसाधनों वाले स्थानों पर ये पहुंच सकें.”