Human Space-Flight Mission Gaganyaan: अमेरिका के मानव स्पेस मिशन की तैयारियां जोरों पर हैं. आर्टेमिस की अगली लॉन्च की तारीख 23 सितंबर तय की जा चुकी है. चीन ने अपने स्पेस मिशन Chang'e की तैयारियां शुरू कर दी हैं. ऐसे में भारत कैसे खुद को पीछे रख सकता है. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने मंगलवार को बताया कि भारत अपना तिरंगा अब स्पेस में भी फहराएगा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत साल 2022 तक मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए उड़ान भरने वाला था लेकिन COVID-19 महामारी के कारण यह योजना सफल नहीं हो पाई और इसे आगे के लिए टाल दिया गया. उन्होंने आगे बताया कि यह मिशन तीन चरणों में होगा.


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ये है मिशन की रूप रेखा


केंद्रीय मंत्री ने गगनयान मिशन की रूप रेखा बताते हुए कहा कि इसे तीन चरणों के तहत भेजा जाएगा. सबसे पहले मानव रहित विमान को स्पेस में भेजा जाएगा. उसके बाद इसके दूसरे चरण में एक खास तरह से डिजाइन महिला रोबोट को स्पेस की यात्रा कराई जाएगी. जिस महिला रोबोट का चयन इस मिशन के दूसरे चरण के लिए किया जाएगा उसका नाम व्योममित्र रखा गया है. इस खास रोबोट को इसरो (Indian Space Research Organisation) ने आपने मिशन के हिसाब से तैयार किया है. दूसरे चरण में सब कुछ ठीक होने पर तीसरे चरण में इंसानों को स्पेस मिशन के लिए भेजा जाएगा. यह भारत का पहला ह्यूमन स्पेस मिशन होगा.


इसरो निभाएगा अहम रोल


इस मिशन के लिए भारतीय वायु सेना के चार लड़ाकू पायलटों को चुना गया है. इन पायलटों ने रूस से एस्ट्रोनॉट (Astronaut) बनने की ट्रेनिंग ली है. भारत के मानव स्पेस मिशन में इसरो (Indian Space Research Organisation) अहम भूमिका में होगा. इस मिशन के तहत साल 2024 तक कम से कम 2 अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजने की तैयारी है. साल 2018 के दौरान गगनयान मिशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने खुद किया था ताकि इससे भारत के स्पेस मिशन को तेजी मिले. आपको बता दें कि गगनयान के दोनों चरणों को इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. इसके बाद ही वैज्ञानिक तीसरे चरण की ओर बढ़ेंगे.


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