नई दिल्ली: विज्ञान की दुनिया में कई अभियान लगातार चलते रहते हैं. इसी बीच वैज्ञानिकों ने एक बड़ी सफलता पाई है. शुक्र ग्रह (Venus) का कुछ हिस्सा आमतौर पर पृथ्वी (Earth) से कभी भी दिखाई नहीं देता. लेकिन नासा (NASA) के पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) शुक्र ग्रह के ऐसे हिस्से की तस्वीर खींच कर भेजी कि वैज्ञानिक इस तस्वीर को देख कर दंग रह गए. आपको बता दें कि यह तस्वीर पार्कर के वाइड फील्ड इमेजर (WISPR) से ली गई है. वैज्ञानिकों को ये तस्वीर उम्मीद से अलग दिखाई दी.


वैज्ञानिकों क्या थी उम्मीद


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दरअसल यह तस्वीर शुक्र के रात के हिस्से की है. नासा के वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे थे कि इस तस्वीर में घने बादल दिखेंगे और ये तस्वीर इतनी साफ नहीं होगी लेकिन वास्तव में कुछ अलग ही हुआ. दरअसल अब से पहले जब भी शुक्र ग्रह की तस्वीर ली गई तो उसमें बादल की वजह से शुक्र की सतह दिखाई नहीं देती है. लेकिन इस तस्वीर में बादल दिखाई नहीं दे रहे हैं और शुक्र की सतह बिल्कुल साफ नजर आ रही है.


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पार्कर सोलर क्या करता है 


नासा के पार्कर सोलर प्रोब का काम सूर्य पर करीब से नजर रखना है. इसे साल 2018 में भेजा गया है. अपने सात साल की यात्रा के दौरान पार्कर शुक्र के गुरुत्व की सहायता से सूर्य के पास जाने के लिए उसके बेहद करीब से गुजरा था. उसी समय पार्कर ने यह तस्वीर ली थी. अपने अभियान के दौरान पार्कर को सात बार शुक्र के पास से गुजरना है जिससे वह सूर्य के पास आता जाएगा.


 



कब ली गई तस्वीर


सूर्य के इतना करीब पार्कर से पहले कोई भी मानव निर्मित पिंड नहीं पहुंचेगा. सूर्य से उसकी दूरी केवल 40 लाख मील रहेगी. शुक्र ग्रह की यह तस्वीर पार्कर के WISPR ने जुलाई 2020 में ली थी जब पार्कर तीसरी बार शुक्र ग्रह के करीब से गुजर रहा था.


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क्या है तस्वीर में


WISPR की इस तस्वीर में बादलों से घिरा गहरे रंग का इलाका एफ्रोडाइट टेरा दिखाई दे रहा है जो शुक्र की भूमध्य रेखा के पास का उठा हुआ क्षेत्र है. वैज्ञानिकों के अनुसार यह क्षेत्र अपने आसपास के इलाके से 30 डिग्री तक ज्यादा ठंडा है. वॉशिंगटन डीसी स्थित यूएस नेवल रिसर्च लैबोरेटरी के WISPR वैज्ञानिक और एस्ट्रोफिजिसिस्ट ब्रायन वुड (Astrophysicist Brian Wood) का कहना है कि WISPR ने शुक्र की सतह की ऊर्जा उत्सर्जन को प्रभावी तरीके से कैद किया है.


क्या है वजह


ये तस्वीर वैसी ही है जैसी जापान के वीनस प्रोब ने खींची है जो नियर इंफ्रारेड तरंगों को पकड़ शुक्र का अध्ययन कर सकता है. वहीं इस तस्वीर से WISPR की क्षमता का भी पता चलता है. और पार्कर के जरिए WISPR सूर्य के पास की धूल का अध्ययन मुमकिन है. वैज्ञानिकों के अनुसार ये तस्वीर हैरान कर देने वाली है। 


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