वॉशिंगटन: वैज्ञानिकों ने ऐसे स्मार्ट ग्लासेस (चश्मा) विकसित किए हैं जिनके लैंस तरल आधारित हैं और उनका लचीलापन हर उस वस्तु पर फोकस करने में मदद करेगा जिसे भी ग्लासेस पहनने वाला व्यक्ति देख रहा होगा.


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यूटा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित इन ग्लासेस को कुछ इस तरह विकसित किया गया कि वह आंख की प्राकृतिक पुतली की तरह काम करेंगे यानी वह हर उस वस्तु पर फोकस कर सकेंगे जिसे भी व्यक्ति देख रहा है चाहे वह वस्तु दूर की हो या फिर पास की. उम्र बढ़ने के साथ हमारी आंखों के लैंस कड़क होते जाते हैं और विभिन्न दूरी पर फोकस करने की अपनी क्षमता और लचीलापन खो देते हैं.


इसलिए चश्मा लगाने की जरूरत पड़ती है. लेकिन तब मुश्किल और बढ़ जाती है जब हम विभिन्न दूरी पर फोकस करने की क्षमता खो देते हैं और ऐसी स्थिति में हमें अलग-अलग दूरी पर देखने के लिए विभिन्न लैंसों की जरूरत पड़ती है.


नए विकसित चश्मों में ग्लिसरिन से बने लैंस होते हैं जिन्हें दो लचीली झिल्लियों के बीच रखा जाता है. इन लैंसों को फ्रेम में लगा दिया जाता है. ये झिल्लियां फोकस मिलाने के लिए मुड़ जाती हैं. लैंस का लचीलापन और मुड़ने की क्षमता के चलते एक ही लैंस बहुलैंस का काम कर सकता है. यह शोध ऑप्टिक्स एक्सप्रेस जर्नल में प्रकाशित हुआ.