Wrong-Side Driving: दिल्ली में पिछले साल के मुकाबले इस साल रॉन्ग साइड ड्राइविंग के मामले बढ़े है, जिनपर कार्रवाई की गई है. इनमें 67% का उछाल आया है.
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Wrong-Side Driving In Delhi: दिल्ली में पिछले साल के मुकाबले इस साल रॉन्ग साइड ड्राइविंग के मामले बढ़े है, जिनपर कार्रवाई की गई है. इनमें 67% का उछाल आया है. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच 'रॉन्ग साइड ड्राइविंग' के 30,062 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि पिछले साल इसी अवधि में 18,047 मामले थे.
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा, "इस लापरवाही से न सिर्फ गाड़ी चलाने वाले खुद खतरे में पड़ते हैं बल्कि ये अन्य वाहनों और राहगीरों के लिए भी खतरा बन जाता है. इससे दुर्घटनाएं होती हैं और ट्रैफिक जाम भी लगता है." एक अन्य अधिकारी ने कहा, "दिल्ली ट्रैफिक पुलिस इस खतरनाक प्रैक्टिस (रॉन्ग साइड ड्राइविंग) को रोकने के लिए सख्ती कर रही है."
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने कहा, "ट्रैफिक पुलिस ने मुख्य चौराहों और सड़कों पर विशेष टीमें तैनात की हैं, जो ट्रैफिक को मोनिटर करेंगी और गलत दिशा में गाड़ी चलाने वालों की पहचान करेंगी. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें भारी जुर्माना भी शामिल है."
ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे टॉप-10 चौराहों की पहचान की है, जहां इस साल अब तक गलत दिशा में गाड़ी चलाने के मामले में सबसे ज्यादा चालान कटे हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा चालान (रॉन्ग साइड ड्राइविंग के लिए) नाजफगढ़ (1,389) में कटे, फिर दूसरे नंबर पर सरीता विहार (1,333) रहा और तीसरे नंबर पर भजनपुरा (1,133) रहा.
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने कहा, "इससे पता चलता है कि किन इलाकों में ज्यादा रॉन्ग साइड ड्राइविंग होती है. इससे ट्रैफिक पुलिस इन इलाकों में ज्यादा सख्ती कर सकती है और सड़क सुरक्षा बढ़ा सकती है." अधिकारी के अनुसार, रॉन्ग साइड ड्राइविंग करने वाले अक्सर यह बहाना बनाते हैं कि उन्हें जल्दी से किसी जगह पहुँचना है, इसीलिए वह गलत दिशा में आए.