नई दिल्ली: हाल ही की गई एक रिसर्च में सामने आया है कि इंसान अधिकतम 150 साल की उम्र तक ही जी सकते हैं.  इस ​शोध में ये भी सामने आया है कि जो एक खास फैक्टर उम्र को लिमिट करता है, वो है किसी सेटबैक के बाद आपका बाउंस बैक न कर पाना यानी किसी मुश्किल परि​स्थिति से तुरंत नॉर्मल कंडीशन में न जा पाना. इसे "physiological resilience" कहते हैं. इंसान उम्र के साथ बाउंस बैक करने के क्षमता खोते चले जाते हैं.


इस बात की क्षमता खोने लगते हैं इंसान


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वैज्ञानिकों के मुताबिक, किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर के बिना भी आपकी बॉडी में एनर्जी खत्म होने लगती है. ये तब होता है, जब किसी माइनर ​प्रॉब्लम की वजह से रिकवर करने में आपकी एनर्जी लगती है. 


उम्र पर होता है असर


पॉपुलर मेकैनिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साइंटिस्ट्स ने कहा, चाहे आप दशकों तक अपना बुढ़ापा किसी गंभीर बीमारी के बिना काट लें, ये नहीं कह सकते कि आपकी उम्र कितनी लंबी होगी. कैंसर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज जैसी बीमारियां भले ही आपको लंबे समय तक न हों, लेकिन ये लाइफस्पैन को बढ़ाएगा ऐसा नहीं होता. 


वैज्ञानिकों के मुताबिक, समय के साथ आपका शरीर physiological resilience" या बाउंस बैक करने की क्षमता को खोने लगता है. ऐसा जब आप यंग होते हैं, तब नहीं होता. यही बात हमारी उम्र को लिमिट करती है.


ये फैक्टर्स करते हैं प्रभावित 


इसी साल नेचर कम्युनिकेशन में पब्लिश एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने कहा था कि इंसान अधिकतम 120 से 150 साल तक जी सकते हैं.


सिंगापुर के शोधकर्ताओं की नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित इस स्टडी में बताया गया है कि व्यक्ति की अधिकतम उम्र उसकी जीवनशैली और बढ़ती उम्र में उसके शरीर की प्रतिक्रिया पर निर्धारित होती है. अगर कोई व्यक्ति अस्वस्थ जीवनशैली रखता है और उस पर बीमारियां प्रभाव डालती रहती हैं, तो उसकी अधिकतम उम्र कम हो सकती है.