China launches Shenzhou-19 spacecraft: चीन ने इतिहास रचते हुए अपना अपना स्पेस मिशन शेनझोउ-19 बुधवार को लॉन्च किया. इस मिशन के तहत चीन ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अपने स्पेस स्टेशन में भेजा है. यह मिशन इसलिए भी खास है क्यों कि चीन की पहली महिला स्पेस इंजीनियर ने इस मिशन में उड़ान भरी है. चीन अभीइकलौता देश है जिसके पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन है. जानें उसके जिद की कहानी.
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Shenzhou-19 Spacecraft Video: चीन ने बुधवार को अपने अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने के मिशन पर तीन अंतरिक्ष यात्रियों को सफलतापूर्वक भेजा जिसमें देश की पहली महिला अंतरिक्ष इंजीनियर भी शामिल हैं. इस तरह चीन ने अपना स्पेस मिशन शेनझोउ-19 बुधवार को सफलता पूर्वक लॉन्च कर लिया. इस मिशन के तहत चीन के तीन अंतरिक्ष यात्री छह महीने के मिशन पर तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए हैं. खास बात है कि चीन की पहली महिला स्पेस इंजीनियर ने इस मिशन में उड़ान भरी है. तियांगोंग टीम अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत प्रयोग करेगी, जिसका मकसद 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजना और वहां आधार का निर्माण करना है.
जानें क्या रही शेनझोउ-19 की प्रकिया?
‘शेनझोऊ-19’ अंतरिक्ष यान को उत्तरपश्चिमी चीन में जियुक्वान अंतरिक्ष लॉन्च केंद्र से बुधवार तड़के लॉन्ग मार्च-2एफ रॉकेट से भेजा गया. अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण के करीब 10 मिनट बाद ‘शेनझोऊ-19’ अपने रॉकेट से अलग हो गया और उसने अपनी निर्धारित कक्षा में प्रवेश किया. चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष एजेंसी (सीएमएसए) ने घोषणा की कि चालक दल के सदस्य अच्छी स्थिति में हैं और यह प्रक्षेपण पूरी तरह कामयाब रहा.
चीन को दुनिया ने किया अलग तो बना लिया अपना अंतरिक्ष स्टेशन
चीन को इस आशंका से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से बाहर कर दिया गया था कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम उसकी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा संचालित किया जाता है. इसके बाद उसने अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाया था. वह अभी इकलौता देश है जिसके पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन है. इस महीने की शुरुआत में चीन ने चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने समेत अंतरिक्ष कार्यक्रमों के विकास की अपनी योजनाओं की घोषणा की थी. चीन ने अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के अलावा कई अंतरिक्ष मिशन भी भेजे हैं जिनमें पहली बार चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने एकत्रित करना और उन्हें वैज्ञानिक अध्ययनों के लिए पृथ्वी पर वापस लाने का चंद्र मिशन भी शामिल है.
जानें मिशन कमांडर ने क्या कहा?
‘शेनझोऊ-19’ के चालक दल में मिशन कमांडर काई शुझे और अंतरिक्ष यात्री सॉन्ग लिंगडोंग और वांग होज शामिल हैं. सीएमएसए ने बताया कि वांग अभी चीन की इकलौती महिला अंतरिक्ष इंजीनियर और अंतरिक्ष में जाने वाली चीन की तीसरी महिला हैं.
मिशन का मुख्य क्या है काम?
अंतरिक्ष में जाने वाले इस नए दल के कार्यों में अंतरिक्ष विज्ञान और अनुप्रयोग परीक्षण करना, अंतरिक्ष में मलबे के खिलाफ सुरक्षात्मक उपकरण स्थापित करना और अतिरिक्त वाहन पेलोड और उपकरणों की स्थापना और पुनर्चक्रण का प्रबंधन करना शामिल है. सीएमएसए के प्रवक्ता लिन शिकियांग ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि यह चालक दल 86 अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और प्रौद्योगिक अनुप्रयोग करेगा जिसमें अंतरिक्ष जीव विज्ञान, अंतरिक्ष औषधि और नयी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियां शामिल हैं. यह चालक दल करीब छह महीने तक अंतरिक्ष स्टेशन में रहेगा.
और देशों को चीन निमंत्रण
लिन ने बताया कि चीन साझेदार देशों से अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करने और उन्हें प्रशिक्षित करने पर भी चर्चा कर रहा है और अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को अपने अंतरिक्ष स्टेशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहा है. पाकिस्तान से करीबी संबंधों पर विचार करते हुए उसका एक अंतरिक्ष यात्री भविष्य में अंतरिक्ष स्टेशन पर जा सकता है.
10 मिनट बाद रॉकेट से अलग हुआ यान
चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष एजेंसी (CMSA) ने कहा, उत्तर पश्चिमी चीन के जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से सुबह 4:27 बजे (बीजिंग समय) में इस मिशन ने उड़ान भरी. मिशन के लॉन्च होने के 10 मिनट बाद शेनझोउ-19 अंतरिक्ष यान रॉकेट से अलग हो गया और अपनी निर्धारित ऑर्बिट में दाखिल हो गया. सीएमएसए ने बताया कि सभी एस्ट्रोनॉट्स बिल्कुल ठीक हैं और लॉन्च पूरी तरह से सफल रहा.
मिशन में कौन-कौन हैं शामिल?
नझोउ-19 चालक दल में मिशन कमांडर काई ज़ुज़े, और एस्ट्रोनॉट्स सोंग लिंगडोंग और वांग हाओज़े शामिल हैं. काई ज़ुज़े एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं,इससे पहले साल 2022 में उन्होंने शेनझोउ-14 मिशन में भी स्पेस की यात्रा की थी. चीनी अंतरिक्ष यात्रियों के तीसरे बैच का हिस्सा सोंग और वांग, अंतरिक्ष में पहली बार कदम रखने जा रही हैं, दोनों का जन्म 1990 के दशक में हुआ था. एजेंसी ने कहा कि वांग फिलहाल चीन की एकमात्र महिला अंतरिक्ष इंजीनियर हैं और स्पेस मिशन में शामिल होने वाली तीसरी चीनी महिला हैं.
मिशन क्यों है खास?
इस मिशन में एस्ट्रोनॉट्स के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें अंतरिक्ष विज्ञान और एप्लीकेशन टेस्ट करना, प्रोटेक्टिव डिवाइस स्थापित करना और अतिरिक्त वाहन पेलोड और उपकरणों की स्थापना और रीसाइक्लिंग का प्रबंधन करना शामिल है. सीएमएसए के प्रवक्ता लिन ज़िकियांग ने मंगलवार को कहा, वे 86 अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रयोग करेंगे, जिसमें अंतरिक्ष जीवन विज्ञान, माइक्रोग्रैविटी मौलिक फिज़िक्स, अंतरिक्ष सामग्री विज्ञान, स्पेस मेडिसिन और नई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों सहित कई क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. सीएमएसए ने अप्रैल में खुलासा किया था कि चीन ने अपने अंतरिक्ष स्टेशन में 130 से अधिक वैज्ञानिक रिसर्च और एप्लीकेशन प्रोजेक्ट्स शुरू किए थे.