Moon Mission India: चांद पर जाने वाले मानव मिशन के लिए भारत ने 'सूर्य' को चुना है. जी हां, 'सूर्य' भारत का वो खास स्पेश शटल (Space Shuttle) होगा. जिसके ज़रिए भारत अपने गगनयात्रियों को मून मिशन यानी चांद पर ले जाएगा. चांद के दक्षिणी हिस्से पर सबसे पहले पहुंचने वाला भारत अब अपने मून मिशन की नई तैयारी ज़ोर शोर से कर रहा है. भारत ने गगनयात्रियों को ले जाने वाले खास SPACE SHUTTLE की जानकारी साझा की है. 


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इसरो चीफ ने दिखाया रोडमैप


ISRO प्रमुख एस सोमनाथ (S Somanath) ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया-


  1. इस मिशन के लिए 'सूर्य' नामक एक नया रॉकेट बनाया जा रहा है. 

  2. नए शटल के पहले भाग के ऊपरी हिस्से में क्रायोजेनिक इंजन होगा.

  3. जबकि निचला हिस्सा लिक्विड ऑक्सीजन और मीथेन पर आधारित नया इंजन होगा.

  4. भारत का मेगा-रॉकेट सूर्य ISRO के मौजूदा रॉकेटों से कहीं ज्यादा बड़ा होगा. 

  5. इसकी लो अर्थ ऑर्बिट पेलोड क्षमता 40 टन से ज्यादा होगी. 

  6. यह मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के लिए बहुत जरूरी है. 


चांद पर भारतीयों के पहुंचने के लिए डेटलाइन 


सूर्य रॉकेट तैयार होने के बाद उनको उम्मीद है कि चांद की सतह पर भारतीय 2024 तक चले जाएंगे.


ISRO प्रमुख ने कहा कि पिछले साल चंद्रयान-3 की सफलता से उत्साहित हैं. साथ ही उन्होंने चंद्रयान-4 मिशन के बारे में भी जानकारी दी. आगे उन्होंने कहा, 'हमारी नजर चांद पर टिकी है. अब भारत की योजना प्राकृतिक उपग्रह के जरिए चांद पर मानव को भेजने की है'. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने भारत की अंतरिक्ष से जुड़े भविष्य के मिशनों और अगली पीढ़ी के लॉन्च व्हीकल (NGLV) के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारतीयों को चांद पर ले जाया जाएगा.


चांद पर लेकर जाएगा 'सूर्य'


मेगा रॉकेट सूर्य तैयार होने के करीब.
भारतीयों को चांद पर लेकर पहुंचेगा.
मानव मिशन के लिए NGLV का विकास.
रॉकेट में Liquid Oxygen का इस्तेमाल होगा.
मौजूदा रॉकेट की तुलना में विशाल होगा सूर्य.
मानव आधारित अंतरिक्ष उड़ानों के लिए जरूरी.


अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसरो चीफ ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन के बारे में भी अहम जानकारी दी. सोमनाथ ने कहा, 'अभी डिजाइन तैयार कर रहे हैं. स्पेस स्टेशन के फर्स्ट फेज को पूरा करने की डेडलाइन साल 2028 तय की गई है.