वॉशिंगटन: भारतीय मूल के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि पृथ्वी पर जीवन के लिए जरूरी कार्बन, नाइट्रोजन और अन्य ऐसे तत्वों की प्राप्ति ग्रहों की टक्कर की उस घटना के बाद हुई जिसके परिणामस्वरूप 4.4 अरब वर्ष पहले चंद्रमा की उत्पत्ति हुई थी. अमेरिका की राइस यूनिवर्सिटी के राजदीप दासगुप्ता ने कहा, ‘‘प्राचीन काल में उल्कापिंडों के अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों को लंबे समय से ज्ञात था कि पृथ्वी और सौर मंडल की आंतरिक कक्षाओं में स्थित चट्टानों वाले अन्य ग्रहों में विघटन होकर तत्व निकलते रहते हैं, लेकिन इसके समय और प्रणाली पर बहस चलती रही.’’


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‘साइंस एडवांसेस’ नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के सह-लेखक दासगुप्ता के अनुसार, ‘‘हमारी खोज पहली है जो सभी भू-रासायनिक साक्ष्यों के अनुरूप समय की व्याख्या कर सकती है.’’ राइस यूनिवर्सिटी के स्नातक के छात्र दमनवीर ग्रेवाल ने प्रयोगों की कड़ी में लंबे समय से माने जा रहे इस सिद्धांत के परीक्षण के लिए साक्ष्य जुटाये कि पृथ्वी पर जीवन के लिए जिम्मेदार तत्व एक ग्रह के साथ टक्कर के बाद पैदा हुए जिसके केंद्र में सल्फर की बहुतायत थी .ग्रेवाल के अनुसार पृथ्वी पर कार्बन-नाइट्रोजन का अनुपात और कार्बन, नाइट्रोजन तथा सल्फर की पूरी मात्रा चंद्रमा की उत्पत्ति के संगत है.