Black Hole News: ब्रह्मांड आज हमें जिस रूप में दिखता है, वह अरबों साल से चल रहीं प्रक्रियाओं का नतीजा है. इस दौरान, असंख्य आकाशगंगाएं एक-दूसरे से टकराईं जिनसे नई आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ. बड़ी आकाशगंगाओं के टकराने पर उनके केंद्र में मौजूद सुपरमैसिव ब्लैक होल्स का भी विलय होता है. ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं का यह विलय आज भी जारी है. वैज्ञानिकों ने धरती से करीब 800 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर, दो विशाल आकाशगंगाओं का पता लगाया है जो टकराने वाली हैं. इन दोनों के सुपरमैसिव ब्लैक होल भी टकराएंगे. यह खोज हबल स्पेस टेलीस्कोप और CHANDRA ऑब्जर्वेटरी की मदद से की गई है.


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Hubble के कैमरा ने MCG-03-34-64 नाम गैलेक्सी के केंद्र में तीन अलग-अलग तरह की चमक देखी. इनमें से दो एक-दूसरे के बेहद करीब थीं, सिर्फ 300 प्रकाश वर्ष दूर. थोड़ी और रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि यहां पर ब्लैक होल की एक जोड़ी मौजूद है जो एक-दूसरे के पास आ रही है. ये केंद्रीय अतिविशाल ब्लैक होल शायद सौ मिलियन वर्षों में आपस में टकराएंगे.


ब्रह्मांड की शुरुआत से ही हो रहीं ऐसी घटनाएं


आकाशगंगाओं और उनके ब्लैक होल्स के ऐसे विलय ब्रह्मांडीय समय के शुरुआती युगों से ही होते आ रहे हैं. ये आकाशगंगाओं के विकास में अहम पड़ाव होता है. इसी तरीके से छोटी-छोटी आकाशगंगाएं मिलकर बड़ी हो जाती हैं. हमारी Milky Way आकाशगंगा भी लगातार छोटी आकाशगंगाओं को निगल रही है. अब से कुछ अरब सालों बाद मिल्की वे और पड़ोसी एंड्रोमेडा गैलेक्सी का भी विलय होना है. हम यह पूरी प्रक्रिया शुरू से आखिर तक नहीं देख सकते क्योंकि इसमें करोड़ों साल लगते हैं.


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कैसे होता है ब्लैक होल का विलय?


अभी जिन ब्लैक होल्स के विलय की बात हो रही है, वे अपनी-अपनी गैलेक्सी के केंद्र में हैं. जैसे-जैसे ये आकाशगंगाएं एक-दूसरे के करीब आती जाएंगी, उनके केंद्र में मौजूद ब्लैक होल आपस में इंटरएक्ट करना शुरू कर देंगे. आखिरकार, एक जोरदार धमाके साथ वे दोनों एक-दूसरे में विलीन हो जाएंगे. इस प्रक्रिया के चलते गुरुत्वाकर्षण तरंगें उत्सर्जित होंगी. ये विलय ब्रह्मांड में निरंतर होते रहते हैं. 


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