Human Vestigial Organs: होमो सेपियंस (Homo sapiens) यानी आधुनिक मानव बनने की यात्रा एक या दो हजार सालों की नहीं, बल्कि ये लाखों सालों की यात्रा हैं. इस दौरान कई जीवों की प्रजातियां धरती से विलुप्त हो गईं. कई और विलुप्ती के कगार पर हैं. पर्यावरण में हुए बदलाव के साथ जो अपने में परिर्वतन नहीं ला सका, उसका अंत हो गया. परिवर्तन के इसी क्रम में मानवों के अन्दर भी कई सारे बदलाव हुए. चार पैरों से शुरू हुई ये यात्रा अब दो पैरों पर आ चुकी है. इस बीच कुछ ऐसे बॉडी पार्ट्स जिनका पहले शरीर में खास इस्तेमाल था लेकिन अब इनका कोई इस्तेमाल नहीं है. पर अभी इनके कुछ अवशेष हमारे शरीर में बचे हुए हैं. आइए जानते हैं, इन अवशेषी अंगों (Vestigial organs) का मानव शरीर में क्या इस्तेमाल था?             


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अपेंडिक्स


आज हमारे शरीर में पाये जाने वाले अपेंडिक्स का कोई काम नहीं हैं. अगर इसे बॉडी से निकाल भी दिया जाए तो हमारे शरीर पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि हमारे पूर्वजों में अपेंडिक्स उनके पाचन के काम में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये उनमें सेल्युलोज को पचाने का काम करता था. 


निक्टिटेटिंग मेम्ब्रेन


निक्टिटेटिंग मेम्ब्रेन आंखों में पाये जाने वाली एक की पलक है. जो आज भी कुछ विशेष जानवरों में पाई जाती है. इसे तीसरी पलक भी कहते हैं, जो आंखों की बचाव करती है और उन्हें नम बनाए रखती है इसके साथ ही देखने में भी मदद करती है. लेकिन मनुष्यों में अब ये सिर्फ एक अवशेषी अंग मात्र रह गई है. 


हेलिक्स


कान का बाहरी किनारा जिसे हेलिक्स नाम से भी जानते है. इसका अब कोई विशेष काम नहीं है. लेकिन कुछ जानवरों में इसका इस्तेमाल बाहरी साउंड वेब के कलेक्ट करने के लिए किया जाता है.


ये भी है लिस्ट में शामिल


इसी तरह टॉन्सिल (Tonsils) का काम इंफेक्शन से बचाना , कोक्सीक्स (Coccyx) जिससे कभी पूंछ निकलती थी और अकल दाढ़ (Wisdom Tooth) जो कच्चे मांस को चबाने में मदद करता था. अब मानव शरीर में इनका कोई विशेष काम नहीं बचा है. लेकिन मानव विकास के क्रम को समझने में ये अंग वैज्ञानिकों की बहुत मदद करते हैं. 


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