What is Hunter Moon Visible: दुनिया भर के खगोलविदों के लिए यह सप्ताह खास होने वाला है. असल में इस सप्ताह रात में आकाश में सुंदर नजारा दिखने वाला है. साल में होने वाले चार सुपरमून में से तीसरा 'हंटर्स मून' इस साल 17 अक्टूबर को दिखने जा रहा है. यह बाकी सुपरमून में से कहीं ज्यादा बड़ा और चमकीला होगा. यह सुपरमून यानी पूर्णमासी हमारे त्योहारों और संस्कृतियों में खास महत्व रखता है. 


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हंटर मून कैसे पड़ गया नाम?


नासा की रिपोर्ट के मुताबिक, हार्वेस्ट मून के बाद दिखने वाली पहली पूर्णिमा को हंटर मून कहा जाता है. उसे यह नाम ब्रिटिश और अमेरिकी किसानों ने रखा है. असल में गर्मियों की फसल काटने के बाद जब खेत खाली हो जाते थे और वे जंगल में शिकार के लिए निकलते थे, तो उस वक्त दिखने वाली पहली पूर्णिमा को हंटर मून कहकर पुकारते थे. 


रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को पूर्णिमा होगी और उस दिन सुबह 7:26 बजे चंद्रमा अपने पीक पर होगा. इससे पहले बुधवार को चंद्रमा अपनी नजदीकी परिधि पर पहुंच जाएगा. यह उसकी कक्षा का वह बिंदु है, जहां से वह पृथ्वी के सबसे करीब हो जाता है. पूर्णिमा का यह नजारा आप बुधवार शाम से शुक्रवार सुबह तक ले सकते हैं. 


सुपरमून में चंद्रमा अधिक चमकीला क्यों दिखता है?


असल में पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा अण्डाकारआकार की है. जो इसे पृथ्वी ग्रह से विभिन्न दूरी पर स्थित करती है. यह दूरी महीने के समय और उस कक्षीय पथ पर इसके स्थान पर निर्भर करती है. नासा के अनुसार, यह दूरियां लगभग 226,000 मील से 251,000 मील तक होती हैं.


कब और कैसे देखें सुपरमून?


इस सुपरमून को देखने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के ठीक बाद का है, जब यह आकाश में काफी नीचे नजर आता है. हालांकि यह सुपरमून दुनिया भर में दिखने जा रहा है लेकिन स्थान के आधार पर इसका दिखने का समय अलग-अलग रहेगा. 


भारत की बात करें तो 17 अक्टूबर की शाम 4:56 बजे यह अपने चरम पर होगा. आप इस सुपरमून को 18 अक्टूबर की शाम तक देख सकते हैं. हालांकि तब तक इसका साइज घट चुका होगा. अमेरिका, कनाडा के लोग 16 अक्टूबर और न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया समेत उनके आसपास के देशों के लोग 18 अक्टूबर को सुपरमून देख सकेंगे.  इस बार यह सुपरमून 3 दिनों तक दिखाई देगा.