Types of earthquake: दिल्‍ली के बाद अब अमृतसर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. बार-बार इस तरह आने वाले भूकंप की वजह से लोग भी डरे हुए हैं. आखिर क्‍यों उत्‍तर भारत में इस तरह के भूकंप आ रहे हैं? इस तरह के भूकंप से क्‍या भविष्‍य में कोई खतरा हो सकता है? पृथ्वी के अंदर आखिर ऐसा क्‍या होता है कि धरती कांपती है. वैज्ञानिकों ने भारत में कई भूकंप जोन बनाए हैं. इसमें से उत्‍तर भारत को जोन 5 में रखा गया है. जो सबसे खतरनाक माना जाता है. जान लीजिए उत्‍तर भारत की धरती बार-बार क्‍यों कांप रही है.   


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क्‍यों कांपती है धरती?
 
पृथ्वी के नीचे 7 प्लेटलेट्स हैं, जो लगातार लगातार घूमती रहती हैं. जिस जगह पर ये प्लेटलेट्स टकराती हैं उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है. प्लेटलेट्स टकराने की वजह से उसके कोने मुड़ने लगते हैं. इतना ही नहीं इन पर ज्यादा दवाब आने की वजह से ये टूटने भी लगती हैं और जब प्लेटलेट्स इस तरह टूटती है तो पैदा हुई ऊर्जा बाहर निकलती है और फिर इस डिस्टर्बेंस की वजह से भूकंप आता है और धरती कांपती है. 


बार-बार भूकंप का आना क्‍या भविष्‍य में कोई खतरा?


जिस तरह उत्‍तर भारत में बार-बार भूकंप आ रहा है क्या वह किसी खतरे की तरफ इशारा कर रहे है. कई एक्सपर्ट्स भी इस तरह की आशंका को मना नहीं कर रहे हैं. दिल्ली को सबसे बड़ा खतरा हिमालय रीजन बेल्टक की वजह से है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलॉजी (NCS) के मुताबिक, दिल्ली में बड़े भूकंप की आशंका कम ही है, लेकिन फिर भी इससे पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता है. 


जानें भारत के भूकंप जोन


भारतीय मानक ब्यूरो ने भारत को चार भूकंपीय जोन में बांट रखा है. इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 होता है. वैज्ञानिक परिभाषा के मुताबिक, जहां रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आता है. उसे इस क्षेत्र में बांटा जाता है. इसमें पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर का कुछ हिस्सा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का भी कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है. इन क्षेत्रों में भूकंप आते रहते हैं. वहीं जोन-2 भूकंप की दृष्टि से सबसे कम सक्रिय होता है. इसे सबसे कम तबाही के खतरे वाले क्षेत्र की श्रेणी में रखा जाता है. 


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