NASA retires Mars InSight lander mission: लाल ग्रह यानी मंगल (Mars) की सतह पर पहुंचने के चार साल बाद अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अपने मार्स इनसाइट लैंडर को रिटायर कर दिया. ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए नासा ने लिखा, 'पिछले 48 महीनों में अनगिनत वैज्ञानिक खोजों के बाद, हमारा @NASAInSight लैंडर अपने मिशन के अंत तक पहुंच गया है. इनसाइट की विरासत और इसका अभी तक का मंगल ग्रह के बारे में किया गया अध्यन आगे बहुत काम आएगा.'


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नासा का बयान


नासा ने कहा कि इन्साइट से आखिरी संपर्क 15 दिसंबर को हुआ था. इस अभियान को 2 साल तक काम करने के लक्ष्य से भेजा गया था, लेकिन उसने 4 साल तक बिना रुके और थके अपना काम किया. नासा के बयान के मुताबिक, पिछले कुछ समय से दक्षिणी कैलिफोर्निया में एजेंसी की जेट प्रोपल्शन लैब (JPL) में लगे मिशन कंट्रोल लगातार दो प्रयासों के बाद लैंडर से संपर्क करने में असमर्थ थे. ऐसी स्थिति में किसी भी यान के आने के बाद उसे 'डेड बस' कहा जाता है. आपको बताते चलें कि अंतरिक्ष में 7 महीने के सफर के बाद 27 नवंबर 2018 को इनसाइट लाल ग्रह पर उतरा था. यानी नासा ने इसका औपचारिक ऐलान भी कर दिया है कि अब लैंडर ने पृथ्वी से संचार बंद कर दिया है और उसकी बैटरी चार्ज नहीं हो पा रही थी. वैज्ञानिकों का कहना है मंगल पर तूफान कारण लैंडर उपकरणों पर धूल ऐसी जमी कि चार्जिंग कुछ महीने पहले ही बंद हो गई थी.


मिशन मार्स की चुनौतियां 


इन्साइट ने मंगल ग्रह पर 1300 से भी ज्यादा भूकंपीय गतिविधियों की पहचान की थी जिनमें से बहुत से उल्कापिंड के कारण टकराव से पैदा हुई थीं. वैज्ञानिकों के मुताबिक लाल धरती पर धूल भरे तूफान मिशन मार्स के लिए आगे भी चुनौती बने रहेंगे. पिछले साल इनसाइट ने अपने नजदीक से निकले बवंडर की आवाज भी रिकॉर्ड की थी. ऐसे में इस मिशन के खत्म होने के बाद नासा को मंगल की भूकंपीय गतिविधियों की जानकारी हासिल करने के नए उपाय सोचने होंगे.


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