भारतीय क्रिकेट टीम हाल ही में कुछ गलत कारणों की वजह से चर्चा में रही है. दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना होने से पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने तूफान खड़ा कर दिया और सौरव गांगुली भी इसमें घसीटे गए थे. शुक्र है कि भारतीय क्रिकेट के लिए उनके पास एक ट्रबल-शूटर था. उन्हें हम भारतीय क्रिकेट टीम के नए हेड कोच राहुल द्रविड़ के नाम से जानते हैं. राहुल भाई के साथ और उनकी कप्तानी में खेलने के बाद मैं आपको बता सकता हूं कि अगर कभी भारतीय टीम के जहाज को संभालने वाला कोई आदमी था, तो वह खुद द्रविड़ थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

द्रविड़ ने खुद को इन मौकों पर साबित किया 


मैं ये विश्वास के साथ कहता हूं, क्योंकि द्रविड़ ने खुद भारत के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान के रूप में अपने समय में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं. जब ग्रेग चैपल कोच के रूप में मौजूद थे, तब राहुल भाई भारत की कप्तानी कर रहे थे. 2013 में जब IPL स्पॉट फिक्सिंग विवाद हुआ तो राहुल द्रविड़ ही राजस्थान रॉयल्स के कप्तान थे. कप्तान के रूप में इन हालातों ने राहुल द्रविड़ की परीक्षा ली, लेकिन वह शीर्ष पर आ गए. राहुल द्रविड़ के टैलेंट, शांत स्वभाव, अहंकार को संभालने की क्षमता और सबसे बढ़कर उनकी निस्वार्थता ने उनके पक्ष में काम किया है.


टीम बॉन्डिंग में बहुत मदद मिलेगी 


टीम इंडिया के लिए यह एक अच्छी बात है कि वह इस समय विदेश में क्रिकेट खेल रही है. टीम इंडिया के खिलाड़ी अगर सोशल मीडिया और इधर-उधर की खबरों से दूर रहेंगे तो इस विवाद को आसानी से दफा कर सकते हैं. बायो-सिक्योर बबल में होने से खिलाड़ियों को एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिताने का मौका मिलेगा. मैं दिल्ली कैपिटल्स के साथ एक सहयोगी स्टाफ के रूप में अपने अनुभव से आपको बता सकता हूं कि बायो-सिक्योर बबल टीम बॉन्डिंग में बहुत मदद करता है. इसके अलावा, मुझे यकीन है कि द्रविड़ को पहले टेस्ट मैच पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा.


द्रविड़-कोहली एक अच्छा कॉकटेल


राहुल द्रविड़ और विराट कोहली कॉम्बिनेशन कैसे काम करता है, इसे पूरी क्रिकेट की दुनिया देख रही होगी. एक है आग, तो दूसरा बर्फ; एक आगे से नेतृत्व करना पसंद करता है, दूसरा पीछे से धक्का देगा. दोनों जीतने की जबर्दस्‍त इच्छा रखते हैं, अपने विरोधियों के सामने खुद को बेहतर साबित करना चाहते हैं. निश्चित रूप से द्रविड़-कोहली एक अच्छा कॉकटेल है, लेकिन यह उम्मीद न करें कि इसका स्वाद तुरंत अच्छा होगा. 


ज्यादा दखल नहीं देंगे राहुल द्रविड़


राहुल द्रविड़ और विराट कोहली के व्यक्तित्व में विभिन्न सामग्रियों को मिलाने में समय लगेगा. ऐसा होने तक हम सभी को धैर्य रखना होगा और उन प्रक्रियाओं को समझने की कोशिश करनी होगी, जो इस जोड़ी को बनाए रखेगी. द्रविड़ उन कोचों में से एक हैं, जो ज्यादा दखल नहीं देंगे. अगर मैं उन्हें अच्छी तरह से जानता हूं तो वह दोनों कप्तानों को ग्रुप पर अपने अधिकार की मुहर लगाने देंगे.


ड्रेसिंग रूम को शांत करने का काम करेंगे राहुल


एक और चीज जो द्रविड़ के नेतृत्व में होगी, वह है चयन में निरंतरता. हालांकि वह कोहली को उन खिलाड़ियों के बारे में अंतिम फैसला करने की अनुमति देंगे, जो वह प्लेइंग इलेवन में चाहते हैं, लेकिन वह योग्य खिलाड़ियों को भी मौका देंगे. एक सुरक्षित ड्रेसिंग रूम को विजेता ड्रेसिंग रूम बनाने की दिशा में ये पहला कदम है. मुख्य कोच के रूप में द्रविड़ की मौजूदगी से भी कोहली को मदद मिलेगी. कोहली में अर्धशतक को शतक में बदलने की अद्भुत क्षमता है. अजिंक्य रहाणे और द्रविड़ एक दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं. अगर हम आने वाले समय में रहाणे 2.0 को देखें तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा. तकनीकी जानकारी एक तरफ, राहुल भाई युवा ड्रेसिंग रूम को शांत करने का काम करेंगे.


(डिस्क्लेमर: इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)