DNA Analysis: हौसला अगर बुलंद हो तो मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य भी आसान हो जाता है. पैरालिंपिक खिलाड़ी शीतल देवी ने ये साबित कर दिया है. पैरालिंपिक खेलों में देश का नाम रोशन करने वाली शीतल देवी को राष्ट्रपति भवन में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. शीतल के सम्मान में पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. शीतल देवी पैरों से तीरंदाजी करती हैं. लेकिन उनका निशाना अर्जुन जैसा अचूक है.


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शीतल ने दुनिया जीत ली..


अपने पैरों से शीतल ने धनुष तीर चलाकर दुनिया जीत ली. शीतल देवी ने, पिछले साल पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. उनकी इसी उपलब्धि के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसी तरह पैरा कैनोइंग में देश का नाम रोशन करने वाली प्राची यादव को भी अर्जुन पुरस्कार से सम्नानित किया गया. प्राची के पैर नहीं हैं, लेकिन उनका हौसला बुलंद है. प्राची यादव देश की पहली एथलीट हैं, जिन्होंने paris para olympics के लिए Qualify किया है. हाल ही में ICF CANOE SPRINT WORLD CHAMPIONSHIP में चौथा स्थान हासिल करके प्राची ने, पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया है. अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर वो एशियाड में भी भारत को गोल्ड मेडल जिता चुकी हैं.


26 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया


खेलों में ऐसा ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 26 खिलाड़ियों को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया गया. भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से इन खिलाड़ियों को सम्मानित किया. 5 कोच को भी द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चुना गया और 3 खिलाड़ियों को लाइफ टाइम सम्मान से नवाजा गया.


3 खिलाड़ियों को लाइफ टाइम अवॉर्ड


सबसे पहले कोच को द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया गया फिर 3 खिलाड़ियों को लाइफ टाइम अवॉर्ड और इसके बाद 26 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. क्रिकेट वनडे वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को अर्जुन पुरस्कार दिया गया. बैडमिंटन की स्टार जोड़ी सात्विक साईराज और चिराग शेट्टी को मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया.


द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित


गोल्फ कोच जसकीरत सिंह ग्रेवाल, कबड्डी कोच भास्करन ई, और टेबल टेनिस कोच जयन्त कुमार पुसीलाल को लाइफ टाइम अवॉर्ड प्रदान किया गया. गणेश प्रभाकरन (मलखंब), महावीर सैनी (पैरा एथलेटिक्स), ललित कुमार (कुश्ती), आरबी रमेश (शतरंज) और शिवेंद्र सिंह (हॉकी) को कोचिंग का सबसे बड़ा सम्मान द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया गया.