कभी वर्ल्ड कप मैच की मेजबानी की थी, आज बदइंतजामी की मार झेल रहा है ये स्टेडियम
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई को चिट्ठी लिखी है जिसमें पटना के मोइन उल हक स्टेडियम को लेकर चिंता जताई है.
नई दिल्ली: क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (CAB) के सचिव आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर पटना में मोइन उल हक स्टेडियम की खराब स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है. इस स्टेडियम ने अभी तक सिर्फ तीन अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की है जिसमें 1996 वर्ल्ड कप में खेला गया मैच भी शामिल है. वर्मा ने बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और अन्य अधिकारियों को चिट्ठी लिख कर बताया है, 'मैं यह पत्र बेहद दर्द के साथ लिख रहा हूं, खासकर हमारे देश के महान क्रिकेटर को जो अभी इस समय भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष हैं.'
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उन्होंने लिखा, '1996 वर्ल्ड कप में केन्या और जिम्बाब्वे मैच की मेजबानी करने वाले स्टेडियम ने कई रणजी ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी के मैचों की मेजबानी की है.' इस चिट्ठी की एक कॉपी आईएएनएस के पास है जिसमें लिखा है, 'बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष ने भी यहां मैच खेला है.' वर्मा ने पत्र में लिखा है कि बीसीसीआई छोड़ने से पहले प्रशासकों की समिति (COA) ने बोर्ड से संबंद्ध बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को 10.80 करोड़ रुपये की मदद दी थी ताकि बिहार में इंफ्रस्ट्रक्चर का विकास हो सके.
वर्मा ने लिखा, 'बीसीसीआई से अच्छा-खासा पैसा मिलने के बाद बीसीए ने क्रिकेट के नाम पर गलत तरीके से पैसा खर्च किया. बीसीए ने पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्रिकेट संबंधी गतिविधियों पर खर्च नहीं किया.' सीएबी सचिव ने अपनी चिट्ठी के आखिर में बताया, 'खिलाड़ियों को सीएबी से उनकी मैच फीस, टीए और डीए के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं. पटना के मोइन उल हक स्टेडियम की स्थिति देखिए. मैं माननीय अधिकारियों से जानना चाहता हूं कि आप लोग बिहार के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ न्याय कब करेंगे?'
(इनपुट-आईएएनएस)
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