नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम इस वक्त अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है. दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैच सामने आए बॉल टैंपरिंग के विवाद ने समूचे क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया है. इस घटना की निंदा पूरी दुनिया कर रही है. यूं तो बॉल टैम्परिंग की घटनाएं पहले भी होती रही है, लेकिन यह घटना कितनी बड़ी है इसका अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि इस मामले में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा है. इस मामले को लेकर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल ने भी दुख जताया. उन्होंने इस विवाद पर कहा, 'विश्वास नहीं हो रहा एक आदर्श क्रिकेट टीम इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल है. मैं हैरान हूं.' 


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बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान गेंद छेड़छाड़ प्रकरण के बाद स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर अपने पद से हट गए हैं. साउथ अफ्रीका में खेली जा रही 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के अंतिम टेस्ट मैच में टिम पेन को टीम की कमान सौंपी गई है. इस मामले ने पूरी ऑस्ट्रेलिया की टीम के साथ-साथ कोच और मैनेजमेंट को भी शक के घेरे में ला दिया है. 


शायद क्रिकेट इतिहास में यह ऐसा पहला मामला है, जिसमें किसी प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा है. उन्हें अपने देश के क्रिकेट मैनेजमेंट से कप्तान और दोषी खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहना पड़ रहा है. 


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ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल ही नहीं, बल्कि उनका स्वाभिमान है. इतिहास गवाह है कि मैदान पर जब ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर खेलने के लिए उतरते हैं तो उनका मकसद सिर्फ जीत होता है और इस जीत के लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. मैदान पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की आक्रमकता के साथ-साथ स्लेजिंग की भी घटनाएं हमेशा से सामने आती रही हैं. 


ऑस्ट्रेलिया को प्रधानमंत्री से पहले मिला था क्रिकेट टीम का कप्तान
ऑस्ट्रेलिया को अपना पहला प्रधानमंत्री 1901 में सर एडमंड बार्टन के तौर पर मिला था, जबकि ऑस्ट्रेलिया की नेशनल क्रिकेट टीम 1877 में ही बन गई थी. यानि ऑस्ट्रेलिया को अपना पहला प्रधानमंत्री मिलने से 24 साल पहले ही क्रिकेट कप्तान मिल गया था. 


'प्रधानमंत्री के बाद टीम की कप्तानी दूसरी सबसे बड़ी पोजिशन'
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कोच डैरेन लेहमन ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के बाद टीम की कप्तानी दूसरी सबसे बड़ी पोजिशन है. एक वेबसाइट से बात करते हुए लेहमन ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया का कप्तान केवल प्रधानमंत्री से पीछे हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि हमारा कप्तान बेहतर खेले.


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ऑस्ट्रेलिया ने दिए हैं सबसे सफल कप्तान 
वनडे क्रिकेट में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा मैच जीतने का रिकॉर्ड रिकी पोंटिंग के नाम दर्ज है. रिकी पोंटिंग ने अपनी कप्तानी में कंगारू टीम को 2003 और 2007 में विश्व कप विजेता बनाया. रिकी पोंटिंग ने बतौर कप्तान 230 वनडे मैचों में 165 जीत हासिल की है. रिकी पोंटिंग वनडे क्रिकेट में 150 से ज्यादा मैच जीतने वाले एकलौते कप्तान भी हैं. पोंटिग की कप्तानी में उनकी जीत का प्रतिशत 76 फीसदी रहा है. 90 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी संभालने वाले एलेन बॉर्डर ने टीम को नई ऊंचाई तक पहुंचाया. एलेन बॉर्डर ने 178 मैचों में टीम की कप्तानी करते हुए 107 जीत दर्ज की. एलेन बॉर्डर 100 वनडे मैच जीतने वाले दुनिया के पहले कप्तान थे. एलेन बॉर्डर की कप्तानी में उनकी जीत का प्रतिशत 61 फीसदी रहा है.