BCCI का बड़ा फैसला, गांगुली का कार्यकाल बढ़ाने के लिए बदला जाएगा संविधान; लेकिन...
मौजूदा नियमों के मुताबिक बीसीसीआई या इसके राज्य संघों से जुड़ा अधिकारी तीन-तीन साल के दो कार्यकाल, यानी लगातार छह साल तक ही अपने पद पर रह सकता है.
मुंबई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अपने अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का कार्यकाल बढ़ाने के लिए संविधान में संशोधन करेगा. बीसीसीआई (BCCI) की 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में यह फैसला लिया गया. हालांकि, बोर्ड के इस फैसले के बाद भी गांगुली के कार्यकाल बढ़ने में पेंच है. बीसीसीआई अपने स्तर पर यह संशोधन नहीं कर सकता. उसे इसके लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की मंजूरी की जरूरत होगी.
मौजूदा नियमों के मुताबिक बीसीसीआई या इसके राज्य संघों से जुड़ा अधिकारी तीन-तीन साल के दो कार्यकाल, यानी लगातार छह साल तक ही अपने पद पर रह सकता है. इसके बाद उसे कम से कम तीन साल तक के अनिवार्य अवकाश (कूलिंग पीरियड) का पालन करना पड़ता है. यानी, वह अगले तीन साल कोई पद नहीं ले सकता है. इसी नियम के चलते गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष का कार्यकाल सिर्फ नौ महीने रह सकता है. गांगुली से पहले बोर्ड अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल होता था, जिसे एक साल के लिए और बढ़ाया जा सकता था.
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बीसीसीआई की 88वीं एजीएम (AGM) रविवार को मुंबई में हुई. इसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य प्रशासनिक सुधारों में ढिलाई देने का फैसला किया गया. एजीएम में लिए गए फैसले के बाद बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ‘कार्यकाल प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. अब इसे सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा. यदि स्वीकृति मिल जाती है तो गांगुली 2024 तक बोर्ड अध्यक्ष बने रह सकते हैं.’ बीसीसीआई का मौजूदा संविधान लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर आधारित है. इस कमेटी का गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया था. उसी ने बोर्ड के नए संविधान को मंजूरी दी है.