B`day Special: भारत के इस कप्तान की खेलभावना की मिसाल पूरी दुनिया देती है, 10 Fact...
पूर्व क्रिकेटर गुंडप्पा विश्वनाथ मंगलवार (12 फरवरी) को अपना 71वां जन्मदिन मना रहे हैं. उन्होंने 1969 से 1983 के बीच 91 टेस्ट खेले.
नई दिल्ली: क्रिकेट को हमेशा ‘जेंटलमैन गेम’ कहा जाता है. इस ‘जेंटलमैन गेम’ में जब भी खेलभावना की मिसाल दी जाती है, तो भारत के उस कप्तान का जिक्र जरूर होता है, जो आज (12 फरवरी) को अपना जन्मदिन मना रहा है. जी हां, आज विशी के नाम से मशहूर गुंडप्पा विश्वनाथ (Gundappa Viswanath) का 71वां जन्मदिन है. भारत के इस दिग्गज क्रिकेटर ने अपनी पूरी क्रिकेट 1970-80 के दशक में खेली, जब दुनिया में वेस्टइंडीज की तूती बोलती थी. बेहद सौम्य स्वभाव के विशी क्रिकेट के मैदान पर बेहद टफ क्रिकेट खेलते थे. 1970 के दशक में क्रिकेट के जगत में एक बात अक्सर कही जाती थी कि भारत ढाई बल्लेबाजों के साथ मैदान पर उतरता है. पहले सुनील गावस्कर, दूसरे गुंडप्पा विश्वनाथ और बाकी पूरी टीम. पढ़िए- ‘जेंटलमैन विश्वनाथ’ की 10 कहानियां...
1. विश्वनाथ का जन्म 12 फरवरी 1949 को कर्नाटक के भद्रावती में हुआ था. वे दाएं हाथ के मध्य क्रम के बल्लेबाज थे. साथ में लेग ब्रेक गेंदबाजी भी किया करते थे.
2. विश्वनाथ ने अपने पहले ही टेस्ट में शतक लगाया था. उन्होंने अपना पहला टेस्ट 1969 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कानपुर में खेला था. वे मैच की पहली पारी में शून्य पर आउट हो गए थे. इसके बाद दूसरी पारी में 137 रन की पारी खेली थी.
3. विश्वनाथ के नाम अनोखा रिकॉर्ड है. उन्होंने जिस मैच में भी शतक लगाया, भारत वो मैच कभी नहीं हारा. उन्होंने 14 शतक लगाए. भारत ने इनमें से 13 मैच जीते, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा.
4. साल1979-80 में हुए सिल्वर जुबली टेस्ट को विश्वनाथ की खेलभावना के लिए याद किया जाता है. इस टेस्ट में अंपायर ने इंग्लैंड के बल्लेबाज बॉब टेलर को आउट करार दिया. कप्तान विश्वनाथ यह बात जान चुके थे कि टेलर आउट नहीं हैं. उन्होंने टेलर को दोबारा बैटिंग के लिए बुलाया. बाद में भारत यह मैच बॉब टेलर और इयान बॉथम की बल्लेबाजी के कारण ही हार गया.
5. विश्वनाथ ने अपना आखिरी टेस्ट 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची में खेला था. जब उन्होंने संन्यास लिया तब उनके नाम 91 टेस्ट में 41.93 की औसत से 6080 रन दर्ज थे. उनका सर्वोच्च टेस्ट स्कोर 222 रन रहा.
6. गुंडप्पा विश्वनाथ का वनडे करियर ज्यादा सफल नहीं रहा. उन्होंने 25 वनडे मैचों में 439 रन बनाए, जिसमें 75 रन सर्वोच्च स्कोर था.
7. गुंडपा विश्वनाथ 1983 में रिटायर होने के कुछ साल बाद मैच रेफरी बन गए. उन्होंने 1999 से 2004 के बीच मैच रेफरी की भूमिका निभाई.
8. गुंडपा विश्वनाथ कुछ समय के लिए बीसीसीआई की चयनसमिति के अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने नेशनल क्रिकेट एकेडमी में भी जिम्मेदारी संभाली है.
9.भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में शुमार सुनील गावस्कर और विश्वनाथ रिश्तेदार हैं. विश्वनाथ की शादी सुनील गावस्कर की बहन कविता से हुई है.
10. सुनील गावस्कर ने अपने बेटे का नाम तीन पसंदीदा क्रिकेटरों रोहन कन्हाई, एमएल जयसिम्हा और विश्वनाथ के नाम रखा है. गावस्कर के बेटे कानाम रोहन जयविश्वा है.