How to Become a Cheerleader: आपने आईपीएल मैचों में छक्के-चौके लगने पर विदेशी चीयरलीडर्स को अक्सर डांस करते देखा होगा. अपने डांस के दौरान वे अक्सर दर्शकों की फब्तियों का शिकार होती हैं. इसके बावजूद वे बिना गुस्सा जाहिर किए अपना काम करती रहती हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि आईपीएल मैचों में कमर मटकाने वाली इन चीयरलीडर्स को कितना पैसा मिलता है. यह धनराशि इतनी ज्यादा होती है कि आपकी आंखे फटी रह सकती हैं. आज हम चीयरलीडर्स की दुनिया के अनजानी कहानियों से आपको अवगत करवाते हैं. 


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भारत में वर्ष 2008 में हुई चीयरलीडिंग की शुरुआत


सबसे पहले आपको बताते हैं कि भारतीय क्रिकेट में चीयरलीडर्स (Cheerleaders) की शुरुआत कब से हुई. इनकी शुरुआत वर्ष 2008 में आईपीएल से हुई. हर साल मार्च- अप्रैल में होने वाले आईपीएल में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी चीयरलीडर्स भारत आती हैं. ये चीयरलीडर्स यूरोप के छोटे-छोटे देशों की रहने वाली होती हैं और एजेंसियों के जरिए भारत पहुंचती हैं. ये सभी लड़कियां प्रोफेशनल डांसर्स होती हैं और सालभर विभिन्न देशों में घूम-घूमकर इसी तरह परफॉर्म करती रहती हैं. 


ऐसे मिलती है चीयरलीडिंग पेशे में एंट्री


भारत में आगमन से काफी पहले ही यूरोप में चीयरलीडिंग एक बड़ा पेशा (Cheerleading Profession) बन चुका है. वहां पर फुटबाल, रग्बी समेत कई खेलों में चीयरलीडर्स को हायर किया जाता है. छोटे-छोटे कपड़े पहनकर डांस करने वाली इन लड़कियों के लिए केवल प्रोफेशनल डांसर होना ही एकमात्र शर्त नहीं होती बल्कि उन्हें विदेशों में गेम के दौरान फार्मेशन भी बनाकर दिखानी होती है. इसके लिए शरीर का लचीला होना जरूरी होता है. लिहाजा लंबी और लचीले शरीर वाली लड़कियों को ही चीयरलीडिंग के पेशे में एंट्री मिल पाती है. 


मोटी कमाई जानकर रह जाएंगे हैरान


अब बात करते हैं चीयरलीडर्स को मिलने वाले पैसे की. असल में आईपीएल में शामिल टीमों की ओर से चीयरलीडर्स (Salary of Cheerleaders) को सीधे हायर करने के बजाय एजेंसियों से संपर्क किया जाता है. इसके बाद एक सीजन यानी करीब डेढ़ महीने के लिए उन एजेंसियों से कांट्रेक्ट किया जाता है. इस कांट्रेक्ट की वजह से प्रत्येक चीयरलीडर्स को एक सीजन में करीब 20 हजार डॉलर यानी लगभग 17 लाख रुपये तक की मोटी कमाई हो जाती है. केवल एक महीने में किसी प्रोफेशन से इतनी बड़ी रकम मिलने के बारे में आप सोच भी नहीं सकते. 


पार्टियों में परफॉर्मेंस के अलग पैसे


मैच के बाद वे चीयरलीडर्स शाम की पार्टियों में जाकर भी परफॉर्म (Salary of Cheerleaders) करती हैं. इसके लिए उन्हें अलग से पैसे मिलते हैं. आईपीएल का सीजन खत्म होने के बाद जब वे चीयरलीडर्स अपने देशों को वापस लौटती हैं तो उनके पास अच्छा खासा मोटा अमाउंट होता है. यही नहीं भारत में आने पर उन्हें एक सेलेब्रेटी जैसा स्टेटस भी मिलता है और लोग उनसे ऑटोग्राफ पाने के लिए लालायित रहते हैं. 


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