सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के दौरान वनडे में 18,426 और टेस्ट में 15,921 रन बनाए हैं. सभी फॉर्मेट को मिलाकर सचिन तेंदुलकर के नाम 100 अंतरराष्ट्रीय शतक हैं. सचिन तेंदुलकर को लेकर ऑस्ट्रेलिया के एक पूर्व क्रिकेटर ने चौंकाने वाला बयान दिया है. ग्रेग रोवेल एक ऑस्ट्रेलियाई वकील हैं, जो पहले फर्स्ट क्लास क्रिकेटर हुआ करते थे, उन्होंने सचिन तेंदुलकर को लेकर एक पुराना किस्सा सुनाया है. ग्रेग रोवेल ने 1991/92 में एक प्रैक्टिस मैच के दौरान सचिन तेंदुलकर को आउट किया था.


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सचिन तेंदुलकर को 34 रन पर आउट किया


यह वाकया 1991/92 के दौरान भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलियाई दौरे का है. इस दौरे पर भारत और ऑस्ट्रेलिया प्राइम मिनिस्टर इलेवन की टीमों के बीच एक प्रैक्टिस मैच खेला गया था. ऑस्ट्रेलिया प्राइम मिनिस्टर इलेवन की तरफ से खेलते हुए इस मैच के दौरान ग्रेग रोवेल ने न केवल तेंदुलकर को बल्कि रवि शास्त्री को भी आउट किया था. रवि शास्त्री उस समय टीम इंडिया के मशहूर और बड़े खिलाड़ियों में शुमार थे. ग्रेग रोवेल ने उस मैच में भारत के खिलाफ 27 रन देकर 6 विकेट झटके थे. ग्रेग रोवेल ने उस मैच में सचिन तेंदुलकर को 34 रन के निजी स्कोर पर आउट किया था. सचिन तेंदुलकर की उम्र उस समय 18 साल की थी, तब वे इतने लोकप्रिय नहीं थे.


सचिन तेंदुलकर चमकते रहे


ग्रेग रोवेल ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'सचिन तेंदुलकर तब इतना बड़ा नाम नहीं थे; रवि शास्त्री थे. ओह हालांकि सीरीज के अंत तक मुझे पता चल गया कि सचिन तेंदुलकर वास्तव में कौन थे.' ग्रेग रोवेल ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सचिन तेंदुलकर ने 18 साल की उम्र में ही 1991/92 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गहरी छाप छोड़ दी थी. सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 1991/92 टेस्ट सीरीज के दौरान 368 रन बनाए थे. हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत को 4-0 से हरा दिया था, लेकिन सचिन तेंदुलकर चमकते रहे.


टेस्ट सीरीज में 368 रन बनाए


18 साल के सचिन तेंदुलकर ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 368 रन बनाए, जिसमें दो शतक शामिल रहे. दिलचस्प बात यह है कि रवि शास्त्री ने भी इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था. रवि शास्त्री ने सिर्फ 3 मैचों में 300 रन बनाए और भारत के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने. ग्रेग रोवेल ऑस्ट्रेलिया प्राइम मिनिस्टर इलेवन टीम का हिस्सा थे, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के महान और नियमित खिलाड़ी शामिल थे. शेन वॉर्न, मैथ्यू हेडन, माइकल बेवन, डेमियन फ्लेमिंग और डेमियन मार्टिन जैसे खिलाड़ी उस मैच में ग्रेग रोवेल के साथी थे. एलन बॉर्डर ने उस मैच में टीम की कप्तानी की थी. ग्रेग रोवेल पेशेवर क्रिकेट में लंबा करियर बनाने में असफल रहे. ग्रेग रोवेल ने पेशा बदल लिया और वकील बन गए, फिर अंततः क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के बोर्ड सदस्य बन गए.