`जोहरा, तुम्हें लोरियां तो नहीं सुना सकता लेकिन तुम्हारे सपने पूरे करने में मदद करूंगा`
गौतम गंभीर सुकमा में इस साल अप्रैल में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवारों की मदद के लिए आगे आए थे. उन्होंने शहीद 25 जवानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का ऐलान किया था.
नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है. यह तस्वीर है कुछ वक्त पहले हुए अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में शहीद एएसआई अब्दुल राशिद की बेटी की है. इस बच्ची का नाम जोहरा है. अपने पिता की अंतिम यात्रा के दौरान बिलखती जोहरा की तस्वीर लोगों को भावुक कर रही है. इस तस्वीर पर लोग दुख और संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. अब इस बच्ची के आंसुओं को देखकर क्रिकेटर गौतम गंभीर का दिल भी तड़प उठा है और वे इस बच्ची की मदद के लिए आगे आए हैं.
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बता दें कि अनंतनाग में हुए आतंकी हमले के दौरान एएसआई अब्दुल राशिद को गोली लग गई थी, जिससे वह शहीद हो गए थे.
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गंभीर ने मंगलवार को एक ट्वीट कर जोहरा की पढ़ाई का खर्च उठाने की बात कही है. गंभीर ने अपने ट्वीट में कहा, 'जोहरा, मैं लोरी गाकर आपको सुला नहीं सकता, लेकिन मैं आपके सपनों को साकार करने में मदद करूंगा. आपकी शिक्षा के लिए ताउम्र मदद करूंगा.'
गौरतलब है कि इससे पहले भी गंभीर शहीद सिपाहियों के बच्चों के लिए अपनी भावनाएं और मदद दिखा चुके हैं. गंभीर सुकमा में इस साल अप्रैल में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवारों की मदद के लिए आगे आए थे. उन्होंने शहीद 25 जवानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का ऐलान किया था. उन्होंने गौतम गंभीर फाउंडेशन के जरिए यह मदद करने की घोषणा की थी.
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बता दें कि अब्दुल राशिद को आतंकी हमले के दौरान गोली लगी थी. उस दौरान वह ड्यूटी पर थे और पुलिस स्टेशन लौट रहे थे. पिता की मौत के बाद ज़ोहरा को जब यह खबर दी गई तब वह अपने स्कूल में थी. वह लगातार रो रही थी, और इस बात से यकीन करने को इनकार कर रही थी कि उसके पिता को कुछ हुआ है. रोती बिलखती ज़ोहरा ने कहा कि वह अपने पिता को मिस कर रही है, वह बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती है. ज़ोहरा ने कहा कि उसके पिता यही चाहते थे.
इसके बाद राशिद के अंतिम संस्कार के समय जोहरा की बिलखती तस्वीरों ने सभी को झकझोर कर रख दिया था. सोशल मीडिया पर लोग बच्ची जोहरा के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे थे. दक्षिण कश्मीर के डीआईजी एसपी पाणि ने जोहरा की तस्वीर शेयर करते हुए एक भावुक संदेश लिखा था. यह संदेश सोशल मीडिया पर वायल हो गया था.
बच्ची के नाम संदेश जारी करते हुए डीआईजी ने लिखा था, 'मेरी प्रिय जोहरा, आपके आंसूओं ने हमारे दिलों को झकझोर दिया है. आपके पिता के द्वारा दिया गया बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा. आप इसे समझने के लिए भी बहुत छोटी हैं कि ऐसा क्यों हुआ. इस तरह की हिंसा के लिए जिम्मेदार लोग जिन्होंने राज्य के प्रतीकों पर अटैक किया है, वे पागल हैं और इंसानियत के दुश्मन हैं.'
डीआईजी ने लिखा, 'आपके पिता भी हम सबकी तरह जम्मू-कश्मीर पुलिस का प्रतिनिधित्व करते थे, जो वीरता और बलिदान का प्रतीक है.' मासूम बच्ची को सांत्वना देते हुए डीआईजी ने लिखा, 'हम लोगों में से कई परिवारों ने समाज के साझा हितों की रक्षा करते हुए अपूर्णीय क्षति उठाई है. ऐसी कहानियां और चेहरे हमें गर्वित करते हैं. हम अपने नायकों को भूल नहीं सकते, अपने प्रियजनों को जिनके साथ हम रहे और सालों तक काम किया.' डीआईजी ने कहा कि ये सभी परिवार जम्मू-कश्मीर पुलिस की गौरवशाली यात्रा का हिस्सा रहे हैं. ऐसी मुश्किल की घड़ी में यह याद रखें कि हम सभी एक ही परिवार का हिस्सा हैं.