AFG vs NZ: जब बीसीसीआई ने अफगानिस्तान के लिए स्टैंड लिया तो चारो तरफ बोर्ड की तारीफों के पुल थे. न्यूजीलैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के लिए बीसीसीआई ने अफगानिस्तान को नोएडा क्रिकेट स्टेडियम की मेजबानी दी थी. लेकिन हालात इतने बुरे हैं कि दो दिन तक टॉस तक नहीं हो पाया है. पहले दिन स्टेडियम की व्यवस्था इतनी नाजुक थी कि मामूली बूंदाबांदी के बाद भी अंपायर्स को दिनभर मैदान के चक्कर काटने पड़ गए.


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कोच और अधिकारियों ने जताई नाराजगी


पहले ही दिन स्टेडियम की व्यवस्था देख अफगानिस्तान के कोच और कप्तान ने हाथ खड़े कर दिए थे. कोच मैदान की ढीली व्यवस्था और अनुभवहीन कर्मचारियों को देख काफी नाखुश नजर आए. वहीं, अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने यहां कभी न आने की बात तक कह डाली. एसीबी ने अधिकारी ने पहले ही दिन कहा, 'बहुत गड़बड़ी है, हम यहां कभी वापस नहीं आएंगे. खिलाड़ी भी यहां की सुविधाओं से नाखुश हैं. हमने संबंधित लोगों से पहले ही बात कर ली थी और स्टेडियम के लोगों ने हमें आश्वासन दिया था कि मीडिया सुविधाओं के संबंध में सब कुछ ठीक रहेगा.'


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दूसरे दिन भी नहीं हो पाया टॉस


नोएडा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ग्राउंड पर अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच एकमात्र टेस्ट मैच के दूसरे दिन मंगलवार को खेल भी गीली आउटफील्ड के कारण बिना कोई गेंद फेंके रद्द कर दिया गया. पूरे दिन कई निरीक्षण किए गए, जिसके बाद दोपहर 3:04 बजे खेल को आखिरकार रद्द कर दिया गया. ग्राउंडस्टाफ ने अभ्यास क्षेत्र से घास का एक हिस्सा काट दिया था और उसे मैदान के गीले हिस्से पर ले आया गया. लेकिन इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया. सुपर सोपर्स पहले दिन से ही आउटफील्ड को खेल के लिए तैयार करने में लगे हुए थे.


दूसरे दिन भी नहीं हुई बारिश


पहले दिन की तरह, टेस्ट के दूसरे दिन भी बारिश नहीं हुई. लेकिन शहर में रात भर कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई. आउटफील्ड के गीले हिस्से को सुखाने के लिए कई बिजली के पंखे लाए गए और उन्हें नीचे की ओर करके रखा गया. लेकिन अंपायरों को लगा कि सतह खेलने के लिए पर्याप्त सुरक्षित नहीं है. न्यूजीलैंड के खिलाड़ी दोपहर 1 बजे मैदान पर पहुंचे और मुख्य पिच के बगल में स्ट्रिप पर नेट सेशन किया.