Team India: टीम इंडिया ने इस खिलाड़ी को किया नजरअंदाज, अब अपने बल्ले से दिया सेलेक्टर्स को करारा जवाब!
Indian Cricket: वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जा रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज के बीच एक खिलाड़ी ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. इस खिलाड़ी ने अपने बल्ले से सेलेक्टर्स को करारा जवाब दिया है.
Indian Cricket Team: दलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy 2023) क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मैच साउथ जोन और वेस्ट जोन के बीच खेला गया. साउथ जोन ने अपना दबदबा कायम रखते हुए वेस्ट जोन को 75 रन से करारी शिकस्त देकर 14वीं बार दलीप ट्रॉफी का खिताब जीता. इससे उसने वेस्ट जोन से पिछले साल मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया. इस मैच में साउथ जोन को चैंपियन बनाने में एक ऐसे खिलाड़ी का हाथ रहा जिसे पिछले 1 साल से टीम इंडिया में मौका नहीं है.
दलीप ट्रॉफी के फाइनल में जमकर चला बल्ला
वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जा रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 29 साल के हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) को टीम इंडिया के स्क्वॉड में जगह नहीं मिली है. लेकिन हनुमा विहारी ने अपनी कप्तानी में साउथ जोन को दलीप ट्रॉफी का चैंपियन बनाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. उन्होंने इस मैच में वेस्ट जोन के खिलाफ अकेले ही गेंदबाजों की क्लास लगाई. हनुमा विहारी ने दलीप ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में 63 और 42 रनों की मैच विनिंग पारियां खेलीं.
1 साल से टीम इंडिया में नहीं मिली जगह
हनुमा विहारी ने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच पिछले साल जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेला था. इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में हनुमा विहारी पहली पारी में 20 रन और दूसरी पारी में सिर्फ 11 रन बनाने में ही कामयाब रहे थे. इस मैच के बाद से ही वह टीम में वापसी नहीं कर सके हैं. विहारी ने अभी तक टीम इंडिया के लिए 16 टेस्ट मैचों में 33.56 की औसत से 839 रन बनाए हैं.
पिछले वेस्टइंडीज दौरे पर किया था कमाल
टीम इंडिया पिछली बार साल 2019 में टेस्ट सीरीज के लिए वेस्टइंडीज गई थी. विराट कोहली की कप्तानी में इस टेस्ट सीरीज को टीम इंडिया ने 2-0 से जीती थी. टीम की जीत के सबसे बड़े हीरो हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ही रहे थे. हनुमा विहारी ने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 2 मैचों की 4 पारियों में 96.33 की औसत से 289 रन बनाए थे. इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और दो अर्धशतक निकले थे. लेकिन इस बार हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) टीम में अपनी जगह बनाने में नाकाम रहे हैं.