Harbhajan Singh Statement : एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान हैं. उन्होंने भारत को एक नहीं बल्कि तीन ICC ट्रॉफी जितायीं. वह दुनिया के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने अपनी टीम को ICC ODI वर्ल्ड कप, T20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और टेस्ट में नंबर 1 रैंकिंग दिलाई है. 2007 से 2013 तक एमएस धोनी के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम का एक सुनहरे दौर रहा. रोहित शर्मा ने भी भारतीय क्रिकेट टीम को हाल ही में अपनी कप्तानी में टी20 वर्ल्ड कप जितायाऔर और 2013 के बाद से चले आ रहे ICC ट्रॉफी के सूखे को खत्म किया. दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने धोनी और रोहित की कप्तानी में अंतर बताया है.


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दोनों की कप्तानी शैली अलग


धोनी और रोहित, दोनों की ही कप्तानी में खेल चुके हरभजन सिंह ने उनकी नेतृत्व शैली के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने एक पॉडकास्ट में कहा, 'धोनी और रोहित पूरी तरह से अलग-अलग लीडर हैं.' उन्होंने बताया कि रोहित की कप्तानी धोनी से बिल्कुल अलग है.


शेयर किया किस्सा


धोनी के बारे में हरभजन ने एक किस्सा शेयर करते हुए बताया, 'एमएस धोनी कभी किसी खिलाड़ी के पास जाकर उससे नहीं पूछेंगे कि तुम किस तरह की फील्ड चाहते हो. वह तुम्हें तुम्हारी गलतियों से सीखने देंगे. मुझे एक किस्सा याद है, जिसमें मैं शॉर्ट फाइन लेग पर फील्डिंग कर रहा था और एमएस धोनी कीपिंग कर रहे थे. शार्दुल ठाकुर गेंदबाजी कर रहे थे और पहली गेंद पर केन विलियमसन ने उन्हें बाउंड्री के लिए मारा. अगली गेंद पर वही लेंथ और विलियमसन ने वही शॉट खेला. मैं एमएस के पास गया और उनसे शार्दुल को अलग तरह से गेंदबाजी करने के लिए कहने को कहा. एमएस ने मुझसे कहा 'पाजी अगर मैं उसे अभी बता दूंगा, तो वह कभी नहीं सीखेगा. उसे खुद से सीखने दो.' भज्जी ने कहा कि उनकी सोच थी - मार खाएगा तो खुद सीखेगा. बिल्कुल वैसे ही जैसे एक बच्चा बड़ा होता है.'


रोहित की कप्तानी पर ये कहा


हरभजन ने रोहित को लेकर कहा, 'रोहित बहुत अलग हैं. वह हर खिलाड़ी से बात करेंगे. वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो आपके कंधे पर हाथ रखकर आपको बताएंगे कि उन्हें आपसे क्या उम्मीदें हैं. वह आपको यह भरोसा दिलाएंगे कि हां, आप यह कर सकते हैं. वह 12-13 साल तक मुंबई इंडियंस और फिर भारत की कप्तानी कर चुके हैं. यह अनुभव बताता है. पिछले दो-तीन सालों में सबसे बड़ा बदलाव टेस्ट में कप्तानी करना आया है. छोटे फॉर्मेट में आप आसानी से जीत सकते हैं, लेकिन टेस्ट में ऐसा नहीं है.'