IND vs SA 1st Test: सेंचुरियन में कैसे मिलती है जीत? साउथ अफ्रीकी दिग्गज ने खोल दिया बड़ा राज
IND vs SA Centurion Test: सेंचुरियन में होने वाले भारत-साउथ अफ्रीका के बीच पहले मैच से मेजबान टीम के एक पूर्व टेस्ट बल्लेबाज ने स्पोर्ट्सपार्क मैदान पर मैच जीतने का मंत्र बताया है. उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को साउथ अफ्रीका मैदानों पर कैसे खेलना चाहिए, इसको लेकर भी खुलकर एक-एक चीज बताई है.
Faf du Plessis advice to india: रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी. पहला मैच 26 दिसंबर को सेंचुरियन के स्पोर्ट्सपार्क में होगा. भारत का यह नौवां टेस्ट दौरा है. आज तक एक भी टेस्ट सीरीज टीम जीत नहीं सकी है. पहली टेस्ट जीत भारत को यहां 2006 टेस्ट मैच में मिली थी. तब से अब तक साउथ अफ्रीका को 11 टेस्ट मैचों में केवल तीन ही जीत मिली हैं. ऐसे में इस बार रोहित आर्मी सीरीज जीतकर इतिहास रचना चाहेगी. इससे पहले साउथ अफ्रीका के पूर्व टेस्ट बल्लेबाज फाफ डू प्लेसी ने बताया है कि साउथ अफ्रीकी पिचों पर कैसे खेलना चाहिए.
अफ्रीकी पिचों पर होता है अतिरिक्त उछाल
2021 में टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ले चुके साउथ अफ्रीका के घातक बल्लेबाज फाफ डू प्लेसी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, 'आमतौर पर भारत में जो उछाल मिलता है उसकी तुलना में यहां लगभग पूरा एक हाथ अतिरिक्त उछाल रहता है. वे गेंद को ऊपर से मारने के आदी हैं, जिससे आउट होने की संभावना बढ़ जाती है. साउथ अफ्रीका में अच्छा प्रदर्शन करने का मंत्र गेंद को अच्छी तरह से छोड़ना और क्रीज पर जमे रहकर बल्लेबाजी करना है.'
सेंचुरियन की पिच पर ऐसे मिलती है जीत
प्लेसी ने सेंचुरियन की ट्रिकी पिच पर जीत के मन्त्र भी बताया है. उन्होंने कहा, 'आम तौर पर पहले दिन, विकेट पर थोड़ी घास होती है, यह थोड़ा धीमा होता है. फिर दूसरे और तीसरे दिन पिच पर अच्छी बल्लेबाजी होती है, लेकिन इसकी गति बहुत तेज हो जाती है. पिच में थोड़ी सी गर्मी के साथ दरारें बढ़ने लगती हैं. फिर चौथे और पांचवें दिन के अंत में असमतल उछाल होगा. इसलिए यदि आप पहली पारी में अच्छी बल्लेबाजी करते हैं, तो सेंचुरियन में टेस्ट हारना हमेशा मुश्किल होता है, लेकिन अगर आप पहली पारी में बल्ले से असफल होते हैं, तो आपको लंबी लड़ाई का सामना करना पड़ता है.'
2018 दौरे को भी किया याद
इस पूर्व टेस्ट बल्लेबाज ने 2018 का भारत दूर याद करते हुए भी कहा, 'मुझे 2018 की सीरीज याद है, जहां उन्होंने(भारत) हमें काफी करीब ला दिया था. वह तब गेंद को बहुत अच्छी तरह से छोड़ रहे थे और यही साउथ अफ्रीका में एक सफल टेस्ट टीम बनने का मंत्र है. आपको धैर्य रखना होगा और हर समय परिस्थितियों का सम्मान करना होगा. आपके पास एक अच्छी योजना होनी चाहिए कि आप अतिरिक्त उछाल वाली शॉर्ट गेंदों को कैसे खेलते हैं और उन्हें कितनी अच्छी तरह छोड़ते हैं.' उन्होंने आगे कहा कि साउथ अफ्रीकी पिचों पर हमेशा धैर्य की परीक्षा होती है.
भारत एक खतरनाक टेस्ट टीम
प्लेसी का मानना है कि जब आपके स्कोर बोर्ड पर रन होंगे तभी आप साउथ अफ्रीका में जीत दर्ज कर सकते हो. उन्होंने कहा , 'रन सोने की तरह हैं. जब आपके पास बोर्ड पर रन होंगे, तो आपके जीतने की संभावना हमेशा बनी रहेगी. जाहिर तौर पर भारत के पास साउथ अफ्रीका से कहीं अधिक अनुभव है. वह एक खतरनाक टेस्ट टीम है. यदि वे कुछ रन बनाते हैं तो गेंदबाज भी अपने भूमिका अच्छे से निभा सकते हैं.'