IND vs AUS: अंगारों पर चलने के बराबर ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना, भारत के सामने खड़े ये बड़े चैलेंज
अपनी धरती पर न्यूजीलैंड के हाथों टेस्ट सीरीज में सफाए के बाद भारी दबाव का सामना कर रही भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावस्कर सीरीज के पहले मैच में जब ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी तो यह मुकाबला खराब फॉर्म से जूझ रहे बल्लेबाजों का भी होगा.
अपनी धरती पर न्यूजीलैंड के हाथों टेस्ट सीरीज में सफाए के बाद भारी दबाव का सामना कर रही भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावस्कर सीरीज के पहले मैच में जब ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी तो यह मुकाबला खराब फॉर्म से जूझ रहे बल्लेबाजों का भी होगा. भारत ने 2018-19 और 2020-21 दौरों पर ऑस्ट्रेलिया को हराया, लेकिन जिस तरह से हाल ही में न्यूजीलैंड ने भारत को उसकी धरती पर टेस्ट सीरीज में 3-0 से हराया, इससे भारतीय टीम का मनोबल जरूर गिरा होगा.
ऑस्ट्रेलिया में जीतना टीम इंडिया के लिए बेहद मुश्किल
असलियत यह भी है कि भारतीय टीम के आधार रहे कुछ सितारे अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं. पैट कमिंस के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज उनके भावी करियर की दशा और दिशा तय करेगी. न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले रिकॉर्ड तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में प्रवेश लगभग तय लग रहा था, लेकिन अब मंजिल काफी दूर नजर आ रही है. भारत को इसके लिए ऑस्ट्रेलिया को हर हालत में 4-0 से हराना होगा. यह उतना ही मुश्किल लग रहा है जैसे भारतीय फुटबॉल टीम का फीफा के दोस्ताना मैच में ब्राजील या अर्जेंटीना को हराना.
सामने खड़े ये बड़े चैलेंज
वैसे मौजूदा टीम को करीब से जानने वालों को पता है कि यह टीम दबाव में भी किस तरह वापसी कर सकती है. टीम की क्षमता पर जब भी सवाल उठे हैं, इसने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिखाया है. कार्यवाहक कप्तान बुमराह ने पहले टेस्ट से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘जब आप जीतते हैं तो शून्य से शुरुआत करते हैं लेकिन जब हारते हैं, तब भी तो ऐसा ही होता है. हम भारत से कोई बोझ लेकर नहीं आए हैं. न्यूजीलैंड सीरीज से हमने सबक लिया है, लेकिन यहां हालात अलग हैं और यहां हमारे नतीजे अलग रहे हैं.’
रोहित, शमी और गिल नहीं
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया पिछले पांच साल में भारत से मिली करारी हार का बदला चुकता करने के लिए तैयार है. पहले मैच में उसके सामने भारत के नियमित कप्तान (रोहित शर्मा), रिवर्स स्विंग के महारथी (मोहम्मद शमी) और भावी कप्तान (शुभमन गिल) नहीं होंगे. रोहित पिता बनने के कारण पहले टेस्ट से बाहर हैं जबकि शमी पूरी तरह से फिट नहीं हैं और गिल के अंगूठे में फ्रेक्चर है. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर करियर बनते और बिगड़ते हैं. सचिन तेंदुलकर ने ‘घुमावदार दरारों ’ वाली वाका की पिच पर शतक बनाया है. दिलीप वेंगसरकर और कृष्णामाचारी श्रीकांत को 1991-92 दौरे के बाद विदा लेनी पड़ी, वह भी सभी ने देखा.
प्रसिद्ध कृष्णा और हर्षित राणा चयन के दावेदार
विराट कोहली, रोहित शर्मा और ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन करियर के उस मुकाम पर हैं जहां खराब प्रदर्शन भारी पड़ सकता है. कोहली 2014 में ऑस्ट्रेलिया में ही ‘किंग कोहली’ बने जब उन्होंने चार शतक लगाए जबकि चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की नींदें हराम की थी. यह ऐसी सीरीज होगी जिसमें गेंदबाजों का पलड़ा भारी होगा और पहले टेस्ट में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में शुमार जसप्रीत बुमराह भारत की कमान भी संभालेंगे. मोहम्मद सिराज और आकाश दीप तेज गेंदबाजी में उनका साथ दे सकते हैं, लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा और हर्षित राणा भी चयन के दावेदार हैं.
मार्नस लाबुशेन का करियर औसत 50 के करीब
टीम कॉम्बिनेशन चाहे जो हो, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज उसे हलके में नहीं ले सकते. स्टीव स्मिथ का मौजूदा वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र में औसत 36 के आसपास है जबकि उनके कैरियर का औसत 56 से अधिक है. मार्नस लाबुशेन का करियर औसत 50 के करीब है, लेकिन पिछले दो साल में वह 30 से कम की औसत से रन बना रहे हैं. आईसीसी टूर्नामेंटों के फाइनल में ट्रेविस हेड भारत के लिए बड़ी चुनौती साबित हुए हैं, लेकिन उनका भी औसत इस चक्र में 28 के करीब है. उस्मान ख्वाजा को छोडकर कोई ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है. विकेटकीपर एलेक्स कैरी और कप्तान पैट कमिंस ने यदा कदा अच्छी पारियां खेली है.
जडेजा की जगह अश्विन को उतारा जा सकता है
पहले टेस्ट के लिए पिच में नमी और उछाल को देखते हुए भारत ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा की जगह बेहतर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को उतार सकता है. ऑलराउंडर नितीश रेड्डी को मौका मिल सकता है, जो निचले क्रम पर बल्लेबाजी के साथ चौथे तेज गेंदबाज की भूमिका निभा सकते हैं. बल्लेबाजी में भारत के टॉप छह बल्लेबाजों में से तीन ने ऑस्ट्रेलिया में कभी नहीं खेला है और दो के पास चार मैचों का ही टेस्ट अनुभव है, लेकिन यशस्वी जायसवाल, देवदत्त पड्डिकल और ध्रुव जुरेल के पास आत्मविश्वास है. पिछले पांच साल में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज ऋषभ पंत और केएल राहुल से काफी उम्मीदें होंगी.