नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट टीम जब बेहतर ओपनर के लिए संघर्ष कर रही है, उसी समय उसे नया वीरेंद्र सहवाग मिल गया है. विस्फोटक बल्लेबाजी करने वाले इस नए सहवाग का नाम पृथ्वी शॉ है. पृथ्वी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार को अपना पहला टेस्ट मैच खेला और महज 56 गेंद पर अर्धशतक जड़ दिया. लंच ब्रेक के बाद 99 गेंद पर शतक पूरा किया. वे पहले ही मैच में शतक लगाने वाले 15वें भारतीय हैं. 


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पहली गेंद का सम्मान किया, दूसरी पर खाता खोला 
मुंबई के पृथ्वी शॉ ने भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले 293वें खिलाड़ी हैं. उन्होंने मैच की पहली गेंद का सामना किया. पृथ्वी ने पहली गेंद को सम्मान देते हुए उसे विकेटकीपर के दस्तानों में जाने दिया. इसके बाद दूसरी ही गेंद पर शानदार बैकफुट पंच लगाया. हालांकि, उनका यह शॉट बाउंड्री तक नहीं पहुंच पाया, लेकिन उन्हें तीन रन जरूर मिल गए. 

पहली 10 गेंदों पर 10 रन, 56 गेंदों पर अर्धशतक 
पृथ्वी शॉ ने शुरुआती 10 रन बनाने के लिए महज 10 गेंदें खेलीं. उन्होंने आगे भी ऐसी ही बल्लेबाजी जारी रखी. उन्होंने 20 रन 16 गेंदों और 30 रन 32 गेंदों पर पूरा किया. पृथ्वी को 40 रन का आंकड़ा छूने के लिए 41 गेंद खेलनी पड़ीं. उन्होंने अपना पहला अर्धशतक 56वीं गेंद पर पूरा किया. 


ये सहवाग स्टाइल ऑफ स्कूल से निकला खिलाड़ी है: लक्ष्मण 
वीवीएस लक्ष्मण ने लंच ब्रेक के बाद पृथ्वी शॉ की जमकर तारीफ की. उन्होंने मैच का लाइव प्रसारण कर रहे स्टार स्पोर्ट्स से कहा कि पृथ्वी की बैटिंग देखकर कहा जा सकता है कि देश को नया सहवाग मिल गया है. पृथ्वी वीरेंद्र सहवाग स्टाइल ऑफ स्कूल से निकले क्रिकेटर हैं, जो पूरी निडरता से खेलता है. वे अच्छे शॉट खेल रहे हैं. उम्मीद है कि वे जिस तरह यहां बैटिंग कर रहे हैं, वैसा ही ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ भी खेलेंगे. 


पृथ्वी की कामयाबी में द्रविड़ का भी रोल 
लक्ष्मण ने कहा कि पृथ्वी की आक्रामकता की तारीफ करते हुए मुंबई से पहले संजय मांजरेकर, अमोल मजूमदार जैसे टेक्निकल खिलाड़ी निकलते थे, लेकिन अब निडर बल्लेबाज निकल रहे हैं. लक्ष्मण ने कहा कि पृथ्वी की बेहतरीन बल्लेबाजी का श्रेय राहुल द्रविड़ को भी जाता है. पृथ्वी ने अंडर-19 और इंडिया-ए के लिए द्रविड़ के मार्गदर्शन में खेला. 


80+ की स्ट्राइक रेट से 8586 रन बनाए हैं सहवाग ने 
वीरेंद्र सहवाग ने अपने टेस्ट करियर में 104 मैच खेले. उन्होंने इन मैचों में 49.34 की औसत से 8586 रन बनाए. उनका स्ट्राइक रेट 82.2 रहा. लक्ष्मण ने उनके इसी स्ट्राइक रेट का जिक्र करते हुए कहा कि सहवाग के तेज खेलने के कारण विरोधी टीम दबाव में आ जाती थी. इसका फायदा टीम के बाकी बल्लेबाजों को मिलता था. पृथ्वी शॉ भी सहवाग के माइंडसेट से खेलते हैं. अगर वे इसी माइंडसेट को आगे भी बरकरार रखते हैं तो उनका कामयाब होना तय है.