India vs Australia Flashback: भारत और ऑस्ट्रेलिया, दो ऐसी टीमें जिनके बीच की 'महासंग्राम' का शोर पूरी दुनिया में सुनाई देता है. एक दौर था जब ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत पर हावी नजर आती थी, लेकिन आज के दौर में कंगारू टीम भी भारत से पंगा लेने से पहले रोडमैप तैयार करती है. 22 नवंबर को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में दोनों टीमें पहले टेस्ट के लिए पर्थ में एक-दूसरे को टक्कर देंगी. लेकिन बीजीटी के इतिहास के पन्ने पलटने के बाद रोमांच डबल हो जाता है. आईए जानते हैं ऑस्ट्रेलिया में भारत की दहशत कब से शुरू हुई और कैसे आज कंगारू टीम भी भारत से थरथराती है. 


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1947 से ऑस्ट्रेलिया का दबदबा


भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहली टेस्ट सीरीज 1947 में खेली गई थी. ऑस्ट्रेलिया ने ये सीरीज जीती और सालों तक अपनी बादशाहत बकररार रखी. 53 साल तक ऑस्ट्रेलिया हावी रहा, तब तक दोनों टीमों के बीच 58 टेस्ट खेले गए थे. जिसमें भारत को महज 11 मैच नसीब हुए जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 29 मैच जीते. एक मैच टाई था जबकि 17 ड्रॉ हुए. लेकिन फिर साल 2001 में सब कुछ बदल जाता है. भारतीय टीम में दो धुरंधर ऑस्ट्रेलिया की ऐसी बखिया उधेड़ते हैं कि यहां से टीम इंडिया की नई पारी का आगाज होदा है.


2001 में क्या हुआ?


भारत-ऑस्ट्रेलिया की टीमें 14 मार्च 2001 को कोलकाता में उतरी. हमेशा की तरह ऑस्ट्रेलिया पर टीम इंडिया से जीत का लोड नहीं था. लेकिन क्या पता था कि इस बार इतिहास पलट जाएगा. पहले 3 दिन कंगारू टीम हावी रही और टीम इंडिया के लिए जीत कोसों दूर नजर आ रही थी. भारत ने 254 के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए थे. दिन की शुरुआत में लक्ष्मण का स्कोर 109 था जबकि द्रविड़ का 7 रन. लेकिन इसके बाद ऐसा खूंटा गाड़ते हैं कि 90 ओवर तक ऑस्ट्रेलिया की सभी शक्तियां फेल नजर आती हैं. मुकाबले में भारतीय टीम 171 रन से जीत दर्ज करती है और यहीं से टीम इंडिया की दहशत ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुई.


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कोहली की कप्तानी ने भर दिया खौफ


2001 के बाद भी ऑस्ट्रेलिया पर भारत ने अपने घर में दबदबा बनाया था. लेकिन कंगारुओं की आंखें चकाचौंध तब हुईं जब एक युवा कप्तान ने उन्हें घर में घुसकर धूल चटा दी. वह 2018-19 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को घर में धूल चटाकर घमंड तोड़ दिया. इसके बाद 2020-21 में भी ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया का दबदबा रहा. इन दो सीरीज के बाद कंगारू टीम आज थरथराती है कि कहीं सीरीज न गंवा बैठे. इस बार कोचिंग गौतम गंभीर के हाथों में है और कप्तानी रोहित शर्मा के हाथों. युवाओं से भरी टीम ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुकी है. उम्मीद है कि भारत ऑस्ट्रेलिया में जीत की हैट्रिक लगाएगा, लेकिन युवा खिलाड़ियों को शामिल करने का पासा उलटा पड़ा तो ये कप्तानी और कोचिंग पर एक दाग होगा.