Biggest Turning Point of IND vs NZ 1st Test: भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे टेस्ट सीरीज का पहला मैच बेहद ही रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है. न्यूजीलैंड को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत के खिलाफ यह मैच जीतने के लिए 107 रनों की जरूरत है, जबकि भारत को 10 विकेट की. आखिरी दिन भारत की जीत के चांस कम हैं, क्योंकि उसके पास डिफेंड करने के लिए सिर्फ 107 रन ही हैं. अगर जीत चाहिए तो भारतीय गेंदबाजों को हर हाल में 10 विकेट लेने ही होंगे. चौथे दिन की शानदार शुरुआत के बाद भारतीय बल्लेबाजी ऐसी लड़खड़ाई की उसके 54 रन पर 7 विकेट गिर गए. आखिर ऐसा कैसे हुआ?


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चौथे दिन का ऐसा रहा खेल


चौथे दिन तेज गेंदबाज विलियम ओ'रूर्के और मैट हेनरी के तीन-तीन विकेटों से मेजबान टीम दूसरी पारी में 462 रनों पर सिमट गई. लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने चार गेंदें फेंकी थी, कि बारिश आने से खेल रुक गया और स्टंप्स घोषित कर दिया गया. भारत को मैच ड्रा कराने के लिए उम्मीद करनी होगी कि कल पांचवें दिन जमकर बारिश पड़े या तो उसे जीतने के लिए 10 विकेट लेने होंगे, जोकि आसान नहीं रहने वाला.


मैच का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट


पहली पारी में 46 रन पर ऑलआउट. कीवी टीम ने पहली पारी में 402 रन बनाए और 356 रन की बड़ी लीड ली. दूसरी पारी में तीसरे दिन और चौथे दिन की शुरुआत में भारतीय बल्लेबाजों से जबरदस्त बैटिंग देखने को मिली. खासकर सरफराज खान (150) और ऋषभ पंत (99) से, जिन्होंने चौथे दिन की शुरुआत से ही तेज बैटिंग जारी रखी और भारत को मैच में बढ़त दिलाई. हालांकि, उनके आउट होते ही भारतीय बल्लेबाजी बिखर गई और पूरी टीम 462 रन पर ढेर हो गई, जिससे सिर्फ 106 रन की बढ़त ही भारत को मिली. इसमें सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट रहा, दूसरी नई गेंद.


आखिरी 7 विकेट 54 रन के अंदर गिरे


दरअसल, न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने भारत की दूसरी पारी के 81वें ओवर में नई गेंद लेने का फैसला किया. इसके बाद से ही मैच पलट गया और न्यूजीलैंड ने वापसी करते हुए भारत को बैकफुट पर धकेल दिया. नई गेंद लेने के 4 ओवर बाद ही सरफराज खान आउट हो गए. इसके बाद पंत से एक बड़ी पारी की सभी को उम्मीदें थीं, लेकिन वह भी 99 रन बनाकर बोल्ड हो गए. इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ लग हुआ. भारत का चौथा विकेट 408 रन के टीम स्कोर पर गिरा था और पूरी टीम ऑलआउट 462 रन पर हो गई.


भारत पर हार का साया


जाहिर है भारत के यहां से जीतने के चांस बेहद कम हैं, लेकिन मैच के आखिरी दिन अगर गेंदबाजों ने चमत्कार कियो तो ऐसा संभव है. जाहिर है 107 रन डिफेंड करना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन भारत के पास जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे मैच विनर बॉलर हैं, जो पलभर में पासा पलट देते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि भारत ने टेस्ट में सबसे कम स्कोर 107 रन ही डिफेंड किया है. यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2004 में वानखेड़े के मैदान पर हुआ था.